नई दिल्ली, 10 मई 2025, शनिवार। 7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के पांच कुख्यात आतंकी ढेर हुए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल के पहलगाम हमले का जवाब थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। भारतीय सेना ने सटीकता के साथ नौ आतंकी अड्डों को तबाह कर आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का परिचय दिया।
मारे गए आतंकियों में पहला नाम मुदस्सर खादियां खास उर्फ अबू जुंदाल का है, जो लश्कर-ए-तैयबा का मुरिदके स्थित मरकज तैयबा का प्रभारी था। उसके अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सेना ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने पुष्पांजलि अर्पित की। दूसरा, हाफिज मुहम्मद जमील, जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी और मसूद अजहर का साला, बहावलपुर के मरकज सुभान अल्लाह का प्रमुख था, जो युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और फंड जुटाने में सक्रिय था।
मोहम्मद यूसुफ अजहर, भी मसूद अजहर का साला, जैश के लिए हथियार प्रशिक्षण संभालता था और आईसी-814 अपहरण मामले में वांछित था। खालिद उर्फ अबू अकाशा, लश्कर का आतंकी, जम्मू-कश्मीर में हमलों और अफगानिस्तान से हथियार तस्करी में शामिल था। अंत में, मोहम्मद हसन खान, जैश के पीओके कमांडर मुफ्ती असगर का बेटा, आतंकी हमलों के समन्वय में माहिर था।
ये हमले भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की संयुक्त शक्ति का प्रतीक हैं, जिन्होंने खुफिया जानकारी के आधार पर आतंक के गढ़ को ध्वस्त किया।