नई दिल्ली, 11 मई 2025, रविवार। भारत की तीनों सेनाओं ने रविवार को ऑपरेशन सिंदूर पर एक महत्वपूर्ण प्रेस ब्रीफिंग में देश को बताया कि आतंकवाद के खिलाफ यह जंग किसी युद्ध से कम नहीं है। यह अभियान, जो अभी भी जारी है, पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों और सैन्य ढांचे को ध्वस्त करने की भारत की अटल प्रतिबद्धता का प्रतीक है। भारतीय सेना ने न केवल अपने लक्ष्यों को हासिल किया, बल्कि दुश्मन को करारा जवाब देकर अपनी ताकत का लोहा मनवाया।
ऑपरेशन सिंदूर: लक्ष्य और उपलब्धियां
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के नौ महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें पसरूर, चुनियन, आरिफवाला, सरगोधा, रहमियार खान, कलाला, सुक्कुर, भोलारी और जैकोबाबाद के एयरफील्ड और रडार बेस शामिल हैं। वायुसेना के एयर मार्शल एके भारती ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि इन हमलों में पाकिस्तान के अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम और तीन रडार बेस पूरी तरह तबाह कर दिए गए। भारतीय वायुसेना ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी पाकिस्तानी विमान भारतीय सीमा में प्रवेश न कर सके। साथ ही, कई पाकिस्तानी विमानों को मार गिराने में भी सफलता हासिल की।
एयर मार्शल भारती ने राफेल लड़ाकू विमानों को नुकसान की अफवाहों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, “हमारे सभी पायलट सुरक्षित लौटे हैं। युद्ध में नुकसान स्वाभाविक है, लेकिन हमारा फोकस अपने लक्ष्य पर था, और हमने उसे पूरी तरह हासिल किया।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन की संवेदनशीलता को देखते हुए कुछ जानकारियां अभी सार्वजनिक नहीं की जा सकतीं, क्योंकि इससे दुश्मन को फायदा हो सकता है।
पाकिस्तान की उकसावे की कार्रवाई और भारत का जवाब
7 से 10 मई के बीच नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान की ओर से लगातार गोलीबारी और उकसावे की कार्रवाइयों ने स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया। डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि 10 मई की शाम 5 बजे दोनों देशों के बीच सीजफायर पर सहमति बनी थी, लेकिन पाकिस्तान ने इसका उल्लंघन करते हुए गोलाबारी जारी रखी। इस दौरान भारतीय सेना के पांच वीर जवानों ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर किए।
पाकिस्तान की इस नापाक हरकत का जवाब देते हुए भारतीय सेना ने न केवल 35-40 पाकिस्तानी सैनिकों को ढेर किया, बल्कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के 100 से अधिक आतंकियों को भी मार गिराया। जम्मू, उधमपुर, पठानकोट, नाल, डलहौजी और फलौदी में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर भारतीय सेना ने पाकिस्तान के मंसूबों को धूल में मिला दिया।
पाकिस्तान की नाकाम कोशिशें
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने खुलासा किया कि 8-9 मई की रात पाकिस्तान ने भारतीय हवाई क्षेत्र में ड्रोन और विमानों के जरिए घुसपैठ की कोशिश की। साथ ही, उसने भारतीय सैन्य ढांचे को निशाना बनाने के कई असफल प्रयास किए। लेकिन भारतीय सेना की सतर्कता और आर्टिलरी फायरिंग ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया।
आतंकवाद के खिलाफ भारत का संकल्प
डीजीएमओ ने साफ शब्दों में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करना था। पाकिस्तान की उकसावे की कार्रवाइयों के जवाब में भारत ने जो कदम उठाए, वे पूरी तरह जायज थे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भविष्य में पाकिस्तान ने ऐसी हरकत दोहराई, तो भारतीय सेना और भी कड़ा जवाब देगी।
शहीदों को नमन
इस ऑपरेशन में देश ने अपने पांच वीर सपूतों को खोया, जिनके बलिदान ने हर भारतीय के दिल को झकझोर दिया। लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा, “हमारे शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उनकी शहादत हमें और मजबूत बनाती है।”