नई दिल्ली, 28 जून 2025: पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत अब तक 4415 भारतीय नागरिकों को ईरान और इज़राइल के संघर्ष क्षेत्रों से सुरक्षित निकाल लिया है। इस अभियान में ईरान से 3597 और इज़राइल से 818 भारतीयों को युद्धग्रस्त क्षेत्रों से भारत लाया गया है। भारतीय वायु सेना (IAF) के 3 C-17 विमानों सहित 19 विशेष निकासी उड़ानों ने इस मिशन को अंजाम दिया, जिसमें 1500 से अधिक महिलाएं और 500 बच्चे शामिल हैं।
ईरान से निकासी: समन्वय और सहयोग का अनूठा उदाहरण
18 जून को शुरू हुए ऑपरेशन सिंधु के तहत, तेहरान, येरेवन और अश्गाबात में भारतीय मिशनों ने आर्मेनिया और तुर्कमेनिस्तान की भूमि सीमाओं के रास्ते भारतीयों को सुरक्षित निकाला। ईरान सरकार ने भारत के अनुरोध पर 20 जून को अपना हवाई क्षेत्र खोलकर मशहद के रास्ते निकासी में सहयोग किया, जिसके लिए भारत ने आभार जताया है। 15 भारतीय राज्यों के छात्र, श्रमिक, पेशेवर, तीर्थयात्री और मछुआरों सहित 3597 नागरिकों को 18 से 26 जून के बीच 15 विशेष उड़ानों से येरेवन, अश्गाबात और मशहद के रास्ते भारत लाया गया। इनमें 14 OCI कार्डधारक, 9 नेपाली, 4 श्रीलंकाई नागरिक और एक भारतीय के ईरानी जीवनसाथी भी शामिल हैं।
इज़राइल से राहत: जॉर्डन और मिस्र के रास्ते निकासी
ऑपरेशन का इज़राइल चरण 23 जून को शुरू हुआ। तेल अवीव, रामल्लाह, अम्मान और काहिरा में भारतीय मिशनों ने जॉर्डन और मिस्र की सीमाओं के रास्ते 818 नागरिकों को निकाला, जिनमें छात्र, श्रमिक और पेशेवर शामिल थे। 22 से 25 जून के बीच अम्मान और शर्म अल शेख से 4 निकासी उड़ानों, जिनमें 3 IAF C-17 शामिल थे, ने इस कार्य को पूरा किया।
निकासी अभियान अस्थायी रूप से रोका गया
हवाई क्षेत्र के फिर से खुलने के बाद 25 जून को निकासी अभियान अस्थायी रूप से रोक दिया गया। सरकार ने स्पष्ट किया कि पश्चिम एशिया की स्थिति के आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने विदेश में फंसे अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
वैश्विक सहयोग और भारत की प्रतिबद्धता
ऑपरेशन सिंधु के दौरान ईरान, इज़राइल, जॉर्डन, मिस्र, आर्मेनिया और तुर्कमेनिस्तान की सरकारों ने भारत का भरपूर सहयोग किया, जिसके लिए भारत ने उनका आभार व्यक्त किया है। सरकार ने भारतीय समुदाय के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का वादा किया है।
‘ऑपरेशन सिंधु’ न केवल भारत की संगठित और त्वरित कार्रवाई का प्रतीक है, बल्कि वैश्विक मंच पर मानवीय संकटों में भारत की संवेदनशीलता और नेतृत्व को भी दर्शाता है।