देहरादून, 8 अगस्त 2025: उत्तराखंड के बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित धराली और हरसिल क्षेत्र में भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन धराली’ के तहत एक विशाल बचाव और राहत अभियान छेड़ा है। भारतीय वायु सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, बीआरओ और नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर सेना चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में फंसे लोगों की जान बचाने और बुनियादी ढांचे को बहाल करने में जुटी है।
विनाशकारी स्थिति का सामना
भारी बारिश और भूस्खलन ने धराली को पूरी तरह काट दिया है। सड़कें तबाह हैं, और लिमचीगाड तक संपर्क बहाल करने के लिए बीआरओ और सेना दिन-रात बेली ब्रिज के निर्माण में लगे हैं, जो आज शाम तक पूरा होने की उम्मीद है। हरसिल और मटली में मौसम साफ है, लेकिन देहरादून में बारिश के कारण हेलीकॉप्टर उड़ानों में देरी हो रही है।
बचाव में जुटी सेना और एजेंसियां
- अब तक 357 से अधिक नागरिकों को हवाई और जमीनी रास्तों से सुरक्षित निकाला गया है।
- सेना की टुकड़ियां, युद्धक इंजीनियर, चिकित्सा दल और खोजी कुत्तों के साथ एनडीआरएफ (105 जवान) और एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं।
- आईटीबीपी की चिकित्सा टीमें हरसिल और धराली में घायलों की मदद कर रही हैं।
- 355 नागरिकों (119 देहरादून हवाई मार्ग से) और 13 सैन्यकर्मियों को सुरक्षित निकाला गया, लेकिन दुखद रूप से 2 नागरिकों की जान चली गई।
- 14 राजपूताना राइफल्स के 8 जवान और करीब 100 नागरिक अभी भी लापता हैं।
हवाई और जमीनी अभियान
7 अगस्त को 68 हेलीकॉप्टर उड़ानों (6 वायु सेना, 7 सेना, 55 नागरिक) ने आपूर्ति और बचाव कार्यों को गति दी। देहरादून, हरसिल, मटली और धरासू ALG को जोड़ने वाला हेली-ब्रिजिंग ऑपरेशन जारी है। सेना ने हरसिल में वाई-फाई और सैटेलाइट संचार से लैस एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है, जबकि बीएसएनएल और एयरटेल नेटवर्क बहाली में जुटे हैं।
नेतृत्व और समन्वय
उत्तर भारत क्षेत्र के जीओसी और 9 (I) माउंटेन ब्रिगेड के कमांडर हरसिल में मौजूद हैं, जो सभी एजेंसियों के साथ मिलकर अभियान की कमान संभाल रहे हैं।
सेना की प्रतिबद्धता
कठिन भूभाग और मौसम की मार के बावजूद, भारतीय सेना और सहयोगी एजेंसियां चौबीसों घंटे नागरिकों की सुरक्षा और क्षेत्र की स्थिरता के लिए अथक प्रयास कर रही हैं। यह अभियान न केवल सेना की दृढ़ता, बल्कि भारत की एकजुटता और मानवीय भावना का भी प्रतीक है।