नई दिल्ली, 18 मार्च 2025, मंगलवार। नागपुर में भड़की हिंसा को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा में मंगलवार को बड़ा हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हिंसा को एक सुनियोजित साजिश करार देते हुए कहा कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान उन लोगों ने प्रतीकात्मक तौर पर कब्र की चादर जलाई। इसके बाद यह अफवाह फैलाई गई कि उस पर धार्मिक चिह्न था, जिससे माहौल गर्म हो गया और हिंसा भड़क उठी। महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में नागपुर हिंसा पर बोलते हुए कहा, यह हिंसक घटना और दंगे पहले से ही योजनाबद्ध प्रतीत होते हैं। हाल ही में रिलीज हुई फिल्म छावा ने औरंगजेब के खिलाफ लोगों के गुस्से को भड़का दिया है। फिर भी सभी को महाराष्ट्र में शांति बनाए रखनी चाहिए। वहीं, हिंसा के बाद प्रशासन ने खुल्दाबाद संभाजी नगर में औरंगजेब की मजार पर सुरक्षा बढ़ा दी है। स्थानीय प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए दुकानों को बंद रखने की अपील की है। मजार पर आने वाले लोगों की मेटल डिटेक्टर से जांच की जा रही है।
औरंगजेब विवाद पर हिंसक झड़प, हिन्दू मुस्लिम आए आमने-सामने
औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक संगठन के प्रदर्शन के दौरान एक धर्मग्रंथ जलाए जाने की अफवाह फैलने के बाद नागपुर में 17 मार्च सोमवार को हिंसा भड़क गई। इस दौरान किए गए पथराव में तीन पुलिसकर्मियों समेत नौ लोग घायल हो गए। पुलिस ने महल क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में तलाशी अभियान के दौरान 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया। इससे पहले, पुलिस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय वाले महल क्षेत्र में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। बता दें कि महल में उपद्रव के बाद घेराबंदी अभियान में पुलिस उपायुक्त निकेतन कदम गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि दो अन्य पुलिसकर्मी भी पथराव का शिकार हुए। अधिकारियों ने बताया कि जानकारी के अनुसार चिटनिस पार्क से शुक्रवारी तालाब रोड हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित हैं, जहां दंगाइयों ने कुछ चार पहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया। उन्होंने बताया कि लोगों के घरों पर भी पत्थर भी फेंके गए।
पुलिस के अनुसार, उपद्रव 17 मार्च सोमवार देर शाम उस समय शुरू हुआ, जब बजरंग दल के सदस्यों ने महल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया। पुलिस ने बताया कि अफवाह फैली कि आंदोलन के दौरान धर्मग्रंथ को जलाया गया है। बजरंग दल के प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हुए, जिससे मुस्लिम समुदाय के लोगों में आक्रोश फैल गया। गणेशपेठ थाने में शाम को कथित तौर पर धर्मग्रंथ जलाने के लिए शिकायत भी दर्ज कराई गई। पुलिस ने बताया कि शिकायत के बाद, बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग महल इलाके के अलग-अलग हिस्सों में इकट्ठा होने लगे। पुलिस ने संकट की आशंका को देखते हुए गश्त तेज कर दी और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बुलाया गया।
नागपुर हिंसा बीजेपी की विचारधारा का असली चेहरा, कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना
महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी की राज्य और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि कहा कि इससे केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर सत्तारूढ़ प्रशासन की विचारधारा का असली चेहरा उजागर होता है। कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि नागपुर में दंगों की खबरें बेहद परेशान करने वाली हैं। खेड़ा ने कहा कि महल मुख्यमंत्री का अपना क्षेत्र है। नागपुर के 300 वर्षों के गतिशील अस्तित्व में वहां कभी दंगे नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से 300 साल पुराने इतिहास को हथियार बनाकर इसका इस्तेमाल विभाजन, ध्यान भटकाने और अशांति पैदा करने के लिए किया जा रहा है। पवन खेड़ा ने कहा कि ये हिंसा केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर सत्तारूढ़ प्रशासन की विचारधारा का असली चेहरा उजागर करती हैं।