डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर दिए बयान पर राजनीतिक बयानबाजी जारी है। विपक्षी गठबंधन के साथी ही इस मुद्दे पर उदयनिधि स्टालिन का समर्थन नहीं कर रहे हैं। बता दें कि शिवसेना (उद्धव ठाकरे) ने डीएमके नेता के बयान से किनारा कर लिया है। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा है कि किसी की भी धार्मिक मान्यताओं को आहत नहीं किया जाना चाहिए।
उदयनिधि के बयान से शिवसेना का किनारा
उदयनिधि के बयान पर संजय राउत ने कहा कि ‘मैंने बयान सुना है… उदयनिधि स्टालिन एक मंत्री हैं और कोई भी उनके इस बयान का समर्थन नहीं करेगा और इस तरह के बयानों से बचना चाहिए। यह डीएमके का और उदयनिधि स्टालिन का निजी विचार हो सकता है लेकिन इस देश में 90 करोड़ हिंदू भी रहते हैं, साथ ही अन्य धर्मों को मानने वाले लोग भी रहते हैं। उनकी धार्मिक मान्यताओं को आहत नहीं किया जाना चाहिए।’ हालांकि इस दौरान संजय राउत ने डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन पर तीखा हमला बोलने से परहेज किया।
उदयनिधि स्टालिन के बयान पर मचा है हंगामा
बता दें कि बीते दिनों चेन्नई में सनातन उन्मूलन सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बोलते हुए तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि हम उसका विरोध नहीं कर सकते। हमें मच्छर, डेंगू बुखार, मलेरिया, कोरोना वायरस आदि का विरोध नहीं करना चाहिए। इन्हें खत्म करना चाहिए। सनातन धर्म भी ऐसा ही है। हमें इसका विरोध नहीं करना चाहिए बल्कि इसे खत्म करना चाहिए। सनातन, समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है।
भाजपा ने उदयनिधि स्टालिन के बयान को लेकर पूरे विपक्षी गठबंधन को कोसना शुरू कर दिया। वहीं उदयनिधि स्टालिन के बयान को समर्थन भी मिल रहा है। कांग्रेस नेता और कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खरगे ने भी स्टालिन के बयान का समर्थन किया। वहीं डीएमके सांसद ए राजा ने भी स्टालिन के बयान का समर्थन किया और कहा कि सनातन की तुलना एचआईवी और कुष्ठ रोग जैसे सामाजिक कलंक वाली बीमारियों से की जानी चाहिए।