वाराणसी, 26 फरवरी 2025, बुधवार। आज देशभर में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। महाशिवरात्रि के उपलक्ष में काशीपुराधिपति की नगरी काशी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। शिवरात्री के मौके पर काशी विश्वनाथ मंदिर में सुबह 9 बजे तक करीब 2,37,335 दर्शनार्थियों ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं, अनुमान है इस बार 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु बाबा के दरबार में पहुंचेंगे। शिवरात्रि के मौके पर काशी विश्वनाथ के अलावा वाराणसी के अन्य शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखी जा रही है। लोग शिव की अराधना में डूब चुके हैं।
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह भी हुआ था, तो फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की रात्रि को अनंत, अगम, अगोचर, अविनाशी आदिदेव भगवान शिव, करोड़ों सूर्यों के समान प्रभाव वाले ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। यही वजह है कि हर वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि तो महापर्व के रूप में मनाया जाता है। महाशिवरात्रि पर्व शिव के दिव्य अवतरण का मंगल सूचक पर्व है। भगवान शिव हमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, मत्सर आदि विकारों से मुक्त करके परम सुख शांति और ऐश्वर्य प्रदान करते हैं। महाशिवरात्रि का व्रत परम मंगलमय और दिव्यतापूर्ण है। यह व्रत चारों पुरुषार्थों धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला माना गया है।
महाशिवरात्रि के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। 12 ज्योतिर्लिंग में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि पर देश के कोने-कोने से भक्त पूजा करने पहुंचे हैं। चारों ओर हर-हर महादेव और बोल बम के नारे गूंज रहे हैं। तड़के 2:15 बजे बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती हुई। बाबा विश्वनाथ का दूल्हे की तरह श्रृंगार किया गया। इसके बाद, मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। उधर, हाथ में गदा-त्रिशूल। हाथी घोड़े की सवारी। शरीर पर भस्म और फूलों की माला। हर-हर महादेव का उद्घोष। काशी में कुछ इस अंदाज में 7 शैव अखाड़ों के हजारों की संख्या में नागा साधु बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए पहुंचे।
महाशिवरात्रि पर काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा कि कुंभ में भारत की लगभग आधी आबादी पहुंची। सभी जातियों, धर्मों और मतों के लोग यहां एक साथ आए। दुनिया ने हमारी एकता देखी। दुनिया ने हमारी सभ्यता और संस्कृति की झलक देखी। भारत की आधी आबादी ने यहां कुंभ में विश्व के कल्याण के लिए प्रार्थना की। कुंभ का आज समापन हो रहा है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस भव्य आयोजन के लिए धन्यवाद देता हूं और बधाई देता हूं।
जूना अखाड़े के अध्यक्ष प्रेम गिरि महाराज ने कहा कि अब हमारे अखाड़े का चुनाव होगा। होली मनाई जाएगी, फिर सभी साधु-संत अपने-अपने स्थान के लिए रवाना हो जाएंगे। डॉक्टर वरुण गिरि ने कहा कि आज बहुत ही खुशी का दिन है। बाबा विश्वनाथ के दर्शन अच्छे से हुए। बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया। इससे अधिक आनंद की बात नहीं हो सकती। जूना अखाड़े के पंच मनोज गिरि महाराज ने कहा कि बाबा विश्वनाथ के दर्शन से दिव्य अनुभूति हो रही है। विश्व के कल्याण की कामना की गई है। आज विशेष पूजन-अर्चन पूरी रात चलेगा।
निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि निरंजनी अखाड़े के साधु-संत बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन और अभिषेक करने के साथ ही बाबा विश्वनाथ से सनातन धर्म की मंगल कामना के लिए आशीर्वाद मांगा। महाकुंभ से दुनिया को संदेश मिला है कि सनातनी एक हैं। लोगों में सनातन के प्रति आस्था और प्रेम है। आज महाकुंभ का अंतिम दिन है। आज हमारी अंतिम शोभायात्रा थी। महादेव से प्रार्थना करके हम लोग महाकुंभ को विराम देंगे।