जनजातीय मामलों के मंत्रालय (एमटीए) ने समावेशी, कौशल-आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के लिहाज से एक बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय ने एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) और आश्रम जैसे स्कूलों के डिजिटल परिवर्तन को लेकर माइक्रोसॉफ्ट के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह कदम इस महामारी के दौर में आदिवासी विद्यार्थियों को समाज के अन्य तबकों से बराबरी करने का अवसर प्रदान करेगा।
‘सफलता के लिए युवाओं का सशक्तिकरण’ कार्यक्रम के तहत हुआ समझौता
मंत्रालय के एक ऑनलाइन कार्यक्रम ‘सफलता के लिए युवाओं का सशक्तिकरण’ के तहत स्कूल और अन्य संस्थानों के लिए डिजिटल कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिसके तहत यह समझौता किया गया है। सकारात्मक कार्रवाई की पहल के तहत वंचित तबके के लिए चलाए जाने वाले कार्यक्रमों में माइक्रोसॉफ्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) की मदद से अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में पाठ्यक्रम उपलब्ध कराएगा। मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सभी ईएमआरएस स्कूलों में आदिवासी छात्रों और शिक्षकों को हुनरमंद बनाने के लिए यह व्यवस्था की जाएगी।
ए.आई. और कोडिंग से बदलेगा विद्यार्थियों का भविष्य
इस अवसर पर जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि हमारे छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार होने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “यह कार्यक्रम विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हमारे छात्रों की तैयारी के मामले में फायदेमंद साबित होगा। ये कार्यक्रम, हमारे छात्रों को डिजिटल परिवर्तन के माध्यम से आवश्यक कौशल मुहैया कराएंगे। पाठ्यक्रम में ए.आई. और कोडिंग के पाठ्यक्रम का एक हिस्सा होने के साथ एक नया अध्याय शुरू होगा।”
केन्द्रीय मंत्री मुंडा ने यह भी कहा कि डिजिटल इंडिया मिशन को सफल बनाने के लिए समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाने की जरूरत है। इसी क्रम में यह माइक्रोसॉफ्ट प्रोग्राम आदिवासी छात्रों और अन्य लोगों के बीच की खाई को पाटने में सक्षम होगा।
विद्यार्थियों के साथ शिक्षक भी ले सकेंगे लाभ
इस अवसर पर बोलते हुए जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरुता ने कहा कि आदिवासी छात्रों के लिए वैश्विक स्तर की शिक्षा प्राप्त करने और समान अवसर प्राप्त करने का यह अनूठा अवसर है। उन्होंने आगे कहा, “यह पहल आदिवासी छात्रों को इस लॉकडाउन में उनकी शिक्षा में निरंतरता बनाए रखने के लिए बड़ी मददगार साबित हो सकती है। कार्यक्रम के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि इन स्कूलों में न केवल छात्रों, बल्कि मंत्रालय द्वारा नामित 5000 शिक्षकों को पेशेवर प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।”
हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होगा पाठ्यक्रम
समावेश और पहुंच को सक्षम करने के लिए, माइक्रोसॉफ्ट ए.आई. पाठ्यक्रम को अध्यापकों और छात्रों के लिए अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में उपलब्ध कराएगा। गौरतलब है कि, साझेदारी के तहत मंत्रालय के स्कूलों के छात्रों को उन परियोजनाओं पर सलाह दी जाएगी, जिनमें सामाजिक कल्याण और संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के लिए ए.आई. एप्लीकेशन शामिल हैं। डिजाइन में हुनरमंद बनाने में मदद करने के लिए छात्रों को माइनक्राफ्ट पर सहज वातावरण के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
पहले चरण में 250 ईएमआरएस स्कूल होंगे शामिल
आपको बता दें, इस कार्यक्रम के तहत पहले चरण में 250 ईएमआरएस स्कूलों को माइक्रोसॉफ्ट द्वारा गोद लिया गया है, जिसमें से 50 ईएमआरएस स्कूलों को गहन प्रशिक्षण दिया जाएगा और पहले चरण में 500 मास्टर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। कार्यक्रम के तहत शिक्षकों को ऑफिस 365 और ए.आई. एप्लीकेशन जैसी उपयोगी तकनीकों का उपयोग करने के लिए चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे उन्हें छात्रों को अधिक पर्सनलाइज्ड, उत्पादक और सुरक्षित तरीके से दूरस्थ शिक्षण अनुभव प्रदान करने में मदद मिलेगी। शिक्षकों की ट्रेनिंग उन्हें वर्चुअल कॉलेबोरेशन की दुनिया से परिचित कराएगी। वर्चुअल क्षेत्र के विशेषज्ञों के जरिये दूर-दराज के शिक्षकों को भी ट्रेनिंग मुहैया कराई जाएगी। यह प्रोग्राम शिक्षकों को माइक्रोसॉफ्ट एजुकेशन सेंटर से पेशेवर ई-बैज और ई-सर्टिफिकेट अर्जित करने का अवसर भी प्रदान करेगा।
शिक्षा की समानता को बढ़ाएगा
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के पब्लिक सेक्टर के कार्यकारी निदेशक श्नवतेज़ बल ने कार्यक्रम के बारे में कहा कि पिछले साल नीति और व्यवहार दोनों के लिहाज से हमें समझ आया कि सीखने का भविष्य अधिक पर्सनलाइज्ड और प्रौद्योगिकी पर आधारित होगा। जनजातीय मामलों के मंत्रालय के साथ हमारी साझेदारी मंत्रालय के तहत स्कूलों के विद्यार्थियों और शिक्षकों की अगली पीढ़ी के लिए समान अवसर और पहुंच प्रदान करेगी साथ ही यह शिक्षा की समानता को बढ़ाने के लिए एक कदम है। हम भारत में शिक्षा के डिजिटल परिवर्तन और एक ऐसे समुदाय का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो भारत के विकास के अगले चरण को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यह कार्यक्रम सुनिश्चित करेगा कि आदिवासी छात्रों को अपना भविष्य, अपना पर्यावरण, अपना गांव और समग्र समुदाय को बदलने का मौका मिले। माइक्रोसॉफ्ट की सक्रिय भागीदारी प्रतिभा पूल बनाने में मदद करेगी जो भविष्य में देश के लिए एक संपत्ति होगी।