ई-एफआईआर के 24 घंटे के अंदर जांच अधिकारी, सब-डिवीजन अधिकारी, थानाध्यक्ष व सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) मौके पर जाएंगे। दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया है। अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए यह पहल की गई है।
अभी तक कोई छोटा सामान गायब होने व वाहन चोरी की ई-एफआईआर होती थी, लेकिन कई-कई महीनों तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती थी, जिससे अपराधी काफी दिनों तक पुलिस की पहुंच से दूर रहते थे। सीपी के आदेश के बाद व उनके द्वारा स्टेडिंग ऑर्डर 443/2016 में किए गए संशोधन के तहत 26 जनवरी से घर में चोरी की ई-एफआईआर होने लगी हैं।
दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अब चोरी व सेंधमारी की काफी ई-एफआईआर होने लगी हैं। ई-एफआईआर होने से पीड़ित के समय की बचत होती है और परेशानियों से बच जाता है। पीड़ित को एफआईआर कराने के लिए थाने के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है।
अब अगर किसी के घर में चोरी व सेंधमारी की वारदात होती है और पीड़ित ई एफआईआर कराता है तो जांच अधिकारी को 24 घंटे में पीड़ित में पीड़ित से मिलना होगा। ऐसा नहीं करने पर संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जांच अधिकारी को मौके पर पहुंचकर पीड़ित के फिर से बयान लेने होंगे और शिकायत पर पीड़ित के हस्ताक्षर कराने होंगे। जांच अधिकारी मौके मुआयना करेंगे और क्राइम टीम व फोरेंसिक टीम को मौके पर बुलाएंगे।
26 जनवरी से पहले तक वाहन चोरी की ई-एफआईआर होती थी। पीड़ित जब चोरी की ई-एफआईआर दर्ज कराता था तो उस पर ध्यान नहीं दिया जाता था। कई महीने व सप्ताह के बाद पुलिस अधिकारी पीड़ित से संपर्क करता था। ऐसे में पीड़ित को ये पता नहीं होता था कि उसकी ई-एफआईआर पर क्या कार्रवाई हो रही है। अब ऐसा नहीं होगा और पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी होगी।
व्यवस्था
सार्वजनिक जगह पर चोरी, बैग उठाईगिरी व जेबतराशी की ई-एफआईआर आईपीसी की धारा 379 में होगी।ताला तोड़कर घर, ऑफिस व दुकान में दिन में चोरी होने पर आईपीसी की धारा 380 व 545 के तहत ई- एफआईआर होगी।ताला तोड़कर घर, ऑफिस, व दुकान में रात में चोरी होने पर आईपीसी की धारा 380 और 357 के तहत ई-एफआईआर दर्ज होगी।6 चोरी औसतन एक दिन में होती हैं।7 सेंधमारी औसतन एक रात में होती हैं।
दिल्ली पुलिस की वेबसाइट www.delhipolice.nic.in पर ई-एफआईआर कराई जा सकती है। यहां सिटीजन सर्विस का एक ऑप्शन होगा। उस पर क्लिक करके यहां चोरी या सेंधमारी की शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। हालांकि, इससे पहले व्यक्ति को यहां अपना पंजीकरण कराना होगा।