महाराष्ट्र में अब बेटियों पर एसिड फेंकने वालों और उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म कर हत्या के दोषियों को मौत की सजा सुनाई जाएगी। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बृहस्पतिवार को शक्ति फौजदारी कानून पर मुहर लग गई। इसके तहत इस तरह के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालत का गठन किया जाएगा।
गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने एक दिन पहले महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए आंध प्रदेश के दिशा कानून की तर्ज पर संशोधित शक्ति फौजदारी कानून विधेयक विधानसभा में पेश किया था, जिस पर बृहस्पतिवार को चर्चा हुई।
नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने इसका स्वागत करते हुए कहा, महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, ऐसे में वर्तमान कानूनों को कठोर बनाने की आवश्यकता है। नई दिल्ली में निर्भया कांड के बाद आईपीसी और सीआरपीसी में दुष्कर्म, छेड़छाड़ की व्याख्या बदल गई है।
उन्होंने कहा, समाज में महिलाओं का आदर सम्मान जरूरी है। माना जा रहा है कि विधानसभा में एकमत से विधेयक पारित होने के बाद विधान परिषद में भी इसे ध्वनिमत से मंजूरी मिल जाएगी।