अब बिजली की दरें भी डीजल-पेट्रोल की तर्ज पर बदलेंगी। अंतर बस इतना होगा कि डीजल-पेट्रोल की दरों में रोजाना बदलाव होता है जबकि बिजली दरों में बदलाव हर महीने होगा। दरअसल, विद्युत उत्पादन गृहों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन जैसे कोयला, तेल और गैस आदि की कीमतों के आधार पर बिजली दरें तय की जाएंगी। इसकी वसूली उपभोक्ताओं से की जाएगी। इस नए प्रावधान के अगले साल के शुरुआत से प्रभावी होने की संभावना है।
केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 176 के तहत 2005 में पहली बार विनियम बनाए थे। अब इसमें संशोधन की तैयारी है। इसके लिए विद्युत (संशोधन) विनियम 2022 का मसौदा जारी कर दिया गया है। दरअसल, संसद के मानसून सत्र में विद्युत (संशोधन) विधेयक 2022 के पारित न हो पाने के कारण सरकार ने विनियमों में संशोधन के जरिए इसके प्रावधानों को लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।