दिल्ली उच्च न्यायालय ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। जिसमें मदरसों, वैदिक पाठशालाओं और धार्मिक शिक्षा प्रदान करने वाले शैक्षणिक संस्थानों को अधिनियम के दायरे में लाने की मांग की गई है।