उत्तर कोरिया ने हाल ही में सैन्य जासूसी उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित करके अपने दुश्मन अमेरिका और दक्षिण कोरिया समेत जापान को बड़ा झटका दिया है। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने देश के सैन्य जासूसी उपग्रह के प्रक्षेपण को अंतरिक्ष रक्षक की तैनाती बताते हुए कहा कि यह आत्मरक्षा के अधिकार का अभ्यास है। बता दें, किम जोंग की यह टिप्पणी राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी प्रशासन (नाटा) की यात्रा के दौरान आई।
दुश्मन देशों की सैन्य गतिविधियों पर नजर
एक रिपोर्ट के अनुसार, तानाशाह किम जोंग उन ने इस बात की सराहना की कि देश के अंतरिक्ष रक्षक दुश्मन देशों की सैन्य गतिविधियों पर नजर रखने और उसके अनुसार खुद को तैयार रखने के मकसद से काम कर रहे हैं और नई-नई जीत भी हासिल कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने इस बात भी जोर दिया कि जासूसी उपग्रह का प्रक्षेपण आत्मरक्षा के अधिकार का अभ्यास है।
अपनी बेटी के साथ पहुंचे
किम अपनी बेटी के साथ पहुंचे थे। इस मौके पर उन्होंने सैटेलाइट प्रोग्राम में शामिल लोगों के साथ फोटो भी खिचवाए।
मल्लीगयोंग-1 उपग्रह कक्षा में स्थापित
उत्तर कोरिया के अंतरिक्ष अधिकारियों ने बुधवार सुबह बताया था कि उसके अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान ने मंगलवार रात ‘मल्लीगयोंग-1’ नामक उपग्रह को निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है। उत्तर कोरिया ने इस उपग्रह की स्थापना दुश्मन देशों की सैन्य गतिविधियों पर नजर रखने और उसके अनुसार खुद को तैयार रखने के मकसद से किया है।
इन देशों में बढ़ा तनाव
एक बयान में कहा गया है कि यह जासूसी उपग्रह किम जोंग ने अपने प्रतिद्वंद्वियों के शत्रुतापूर्ण सैन्य कदमों के जवाब में उत्तर कोरिया की युद्ध तत्परता को बढ़ाने के उद्देश्य से है। इसमें कहा गया है कि उत्तर कोरिया भविष्य में भी ऐसे ही और अधिक जासूसी उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की योजना बना रहा है। उत्तर कोरिया के इस कदम से दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका का तनाव बढ़ गया है।