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Thursday, June 26, 2025

याचना नहीं, अब रण होगा: ऑपरेशन सिंदूर और भारत का दमदार संदेश

नई दिल्ली, 12 मई 2025, सोमवार। भारत ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक और करारा प्रहार कर दुनिया को अपनी सैन्य ताकत और आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति का स्पष्ट संदेश दिया है। इस ऑपरेशन के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंचा, जहां पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश की, लेकिन भारत ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया।

भारतीय सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इस अभियान के हर पहलू को सामने रखा। इस दौरान एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता “याचना नहीं, अब रण होगा” और तुलसीदास की चौपाई “भय बिनु होइ न प्रीति” का जिक्र कर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया।

याचना नहीं, अब रण होगा: दिनकर की कविता का संदेश

12 मई को नई दिल्ली में भारतीय सेना की दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को रेखांकित करते हुए रामधारी सिंह दिनकर की कविता “याचना नहीं, अब रण होगा” का उल्लेख किया। यह पंक्तियां उनकी रचना ‘रश्मिरथी’ से हैं, जो महाभारत के युद्ध पर आधारित है। इस कविता में दुर्योधन का अहंकार और श्रीकृष्ण की शांति की अंतिम कोशिश का जिक्र है। जब दुर्योधन पांडवों को सूई की नोंक बराबर जमीन देने से भी इनकार करता है, तो युद्ध अनिवार्य हो जाता है। दिनकर की ये पंक्तियां उस दृढ़ संकल्प को दर्शाती हैं, जब शांति के सारे रास्ते बंद हो जाएं और न्याय के लिए युद्ध ही एकमात्र रास्ता बचे।

एयर मार्शल भारती, जो स्वयं बिहार से हैं, ने इस कविता के जरिए पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि भारत ने पहलगाम हमले के बाद शांति और कूटनीति का रास्ता अपनाने की कोशिश की, लेकिन पाकिस्तान की निष्क्रियता और आतंकवाद को समर्थन ने भारत को मजबूर किया कि वह “रण” का रास्ता चुने। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तानी मिराज विमान के मलबे का वीडियो भी दिखाया, जो भारत की सैन्य ताकत का प्रतीक था। यह संयोग ही है कि दिनकर और भारती दोनों बिहार से हैं, जिसने इस संदेश को और भी प्रभावशाली बना दिया।

भय बिनु होइ न प्रीति: तुलसीदास की चौपाई का महत्व

एयर मार्शल भारती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में तुलसीदास की रामचरितमानस की चौपाई “विनय न मानत जलधि जड़, गए तीनि दिन बीति। बोले राम सकोप तब, भय बिनु होइ न प्रीति।।” का भी जिक्र किया। रामायण में यह चौपाई उस प्रसंग से है, जब श्रीराम समुद्र से लंका जाने के लिए रास्ता मांगते हैं, लेकिन समुद्र तीन दिन तक उनकी विनती नहीं मानता। तब श्रीराम अपने धनुष-बाण उठाते हैं, जिससे समुद्र में भय पैदा होता है और वह रास्ता दे देता है। इस चौपाई का अर्थ है कि जब विनम्रता और आग्रह काम न आए, तो सम्मान और अनुशासन पैदा करने के लिए शक्ति का प्रदर्शन जरूरी हो जाता है।

भारती ने इस चौपाई के जरिए पाकिस्तान को चेतावनी दी कि भारत ने संयम और शांति की कोशिश की, लेकिन जब आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की बारी आई, तो भारत ने अपनी सैन्य शक्ति का परिचय दे दिया। यह संदेश न केवल पाकिस्तान, बल्कि उन सभी देशों के लिए था, जो आतंकवाद को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थन देते हैं।

ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ भारत की हुंकार

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले में 26 नागरिक, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था, बेरहमी से मारे गए। आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों को गोली मारी, जिससे यह हमला न केवल भारत की सुरक्षा के लिए खतरा था, बल्कि सामाजिक सौहार्द पर भी हमला था। जांच में पता चला कि हमलावरों के तार पाकिस्तान से जुड़े थे, और इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली थी। पाकिस्तान की ओर से इस हमले के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई न होने पर भारत ने 6-7 मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया।

इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना, थलसेना और नौसेना ने संयुक्त रूप से पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के शिविर शामिल थे, जैसे मुजफ्फराबाद का सवाई नाला कैंप, बहावलपुर का मरकज सुभान अल्लाह, और मुरिदके का मरकज तैयबा। भारतीय वायुसेना ने मिराज 2000 और सुखोई-30 MKI जैसे अत्याधुनिक विमानों का इस्तेमाल किया, जो स्पाइस-2000 और लेजर-गाइडेड बमों से लैस थे। मात्र 25 मिनट में 100 से अधिक आतंकी मारे गए, और आतंकी ढांचों को पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया गया। खास बात यह रही कि इस कार्रवाई में किसी भी पाकिस्तानी सैन्य या नागरिक संरचना को नुकसान नहीं पहुंचाया गया, जिससे भारत ने अपनी नपी-तुली और जिम्मेदार रणनीति का परिचय दिया।

पाकिस्तान ने इस हमले के बाद बौखलाहट में भारत पर ड्रोन, यूएवी, और मिसाइल हमले की कोशिश की, लेकिन भारत की S-400 और अन्य वायु रक्षा प्रणालियों ने इन हमलों को नाकाम कर दिया। भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के लाहौर और इस्लामाबाद जैसे शहरों में आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिससे पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम तबाह हो गया।

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