केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में मौतों को कम करने के सरकार के लगातार प्रयासों के बावजूद हताहतों की संख्या में वृद्धि हो रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि आम नागरिकों में न तो कानून के प्रति सम्मान है और न ही डर। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान जवाब देते हुए गडकरी ने कहा कि चार कारक हैं, जो सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में मदद कर सकते हैं। ये हैं, सड़क इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, कानून का प्रवर्तन और लोगों की शिक्षा। गडकरी ने कहा, कड़ी कोशिशों के बावजूद इस साल सड़क दुर्घटनाओं में 1.68 लाख मौतें हुई हैं। इनमें से बड़ी संख्या में मौतें इसलिए हुई क्योंकि सड़कों पर नियमों का सख्ती से पालन नहीं किया गया है।
गडकरी ने कहा, बड़ी समस्या यह है कि लोग लालबत्ती पर गाड़ी नहीं रोकते। 30 हजार लोग सिर्फ इसलिए मर जाते हैं क्योंकि वे हेलमेट नहीं पहनते। मैं खुद इसका शिकार रहा हूं, जब मैं महाराष्ट्र में विपक्ष का नेता था, तब एक दुर्घटना में मेरा पैर चार जगह से टूट गया था और मैं इसे लेकर लगातार संवेदनशील हूं।
नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने कहा कि छह हवाई अड्डों को गहन, प्रतिस्पर्धी और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से अदाणी समूह को पट्टे पर दिया गया था। सरकार के स्वामित्व वाले भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने छह हवाई अड्डों-लखनऊ,अहमदाबाद, मंगलुरू, जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम-को अदाणी समूह को पट्टे पर दिया है। तृणमूल कांग्रेस नेता सौगत रॉय ने लोकसभा में कहा कि नीति आयोग और आर्थिक मामलों के विभाग का विचार था कि दो हवाई अड्डों को एक ही समूह को नहीं दिया जाना चाहिए।