वाराणसी, 27 मई 2025, मंगलवार। वाराणसी की गलियों में एक बार फिर सनसनी फैल गई, जब नीलगिरी इंफ्रासिटी के काले कारनामों का पर्दा पुलिस ने फटाफट उधेड़ दिया! इस रियल एस्टेट ठगी के मास्टरमाइंड – कंपनी के सीएमडी विकास सिंह, उनकी पत्नी और एमडी रितु सिंह, और सीनियर मैनेजर प्रदीप यादव – को चेतगंज पुलिस ने हथकड़ी पहनाकर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। इनके खिलाफ 113 मुकदमों का पहाड़ खड़ा है, जिसमें धोखाधड़ी और विश्वासघात जैसे गंभीर इल्जाम शामिल हैं।
चमकते सपनों का झुनझुना: प्लॉट, कार और विदेश की सैर का लालच
नीलगिरी इंफ्रासिटी ने आम लोगों के सपनों को हथियार बनाया। सस्ते प्लॉट, लग्जरी कार, और विदेश टूर का चमचमाता लालच देकर ये ठग देशभर के निवेशकों को अपने जाल में फंसाते रहे। वाराणसी के मलदहिया में इंडियन प्रेस कॉलोनी में इनका आलीशान दफ्तर था, जहां सपनों की चकाचौंध में लोग अपनी गाढ़ी कमाई लुटाने पहुंच जाते थे।
पूर्वांचल से मध्य भारत तक फैला ठगी का साम्राज्य
ये घोटालेबाज सिर्फ वाराणसी तक सीमित नहीं रहे। इनका जाल बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, और मध्य प्रदेश तक फैला था। हजारों लोग इनके झांसे में आए, लाखों रुपये प्लॉट बुकिंग में झोंक दिए, लेकिन बदले में मिला सिर्फ धोखा! जब सच सामने आया, तो 113 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए, और पीड़ितों की फरियाद ने आसमान छू लिया।
पहले जेल, फिर जमानत, मगर ठगी की आदत न गई
एसीपी गौरव कुमार ने खुलासा किया कि ये तीनों 2021 में भी पुलिस की गिरफ्त में आए थे। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी, शर्त ये थी कि ये निवेशकों का पैसा लौटाएंगे। कुछ पैसे लौटाए भी गए, लेकिन इनकी ठगी की भूख खत्म न हुई। नए शिकार, नई शिकायतें, और आखिरकार पुलिस ने फिर इनके हाथों में हथकड़ी डाल दी।
अब जेल की सैर तय!
फिलहाल पुलिस इन ठगों से गहन पूछताछ में जुटी है। जल्द ही इन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां से इनका अगला ठिकाना जेल की सलाखें होंगी। इस घोटाले ने न जाने कितने परिवारों के सपनों को चूर किया, लेकिन अब वाराणसी पुलिस की इस कार्रवाई से पीड़ितों को इंसाफ की उम्मीद जगी है।
सपनों के सौदागरों का खेल खत्म, अब बारी है सजा की!