नई दिल्ली, 5 जून 2025, गुरुवार। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए शोपियां, कुलगाम, कुपवाड़ा, सोपोर और बारामूला सहित कई जिलों में 32 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इस सनसनीखेज ऑपरेशन का मकसद आतंकी साजिशों के जाल को तोड़ना और आतंकवादी नेटवर्क की कमर तोड़ना है।
एनआईए की नजर इस बार 2018 में कुलगाम के चेडर बान में मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के कुख्यात कमांडर शकूर अहमद डार के ठिकाने पर भी थी। शकूर के सोपत देवसर स्थित घर सहित कई संदिग्ध जगहों पर तलाशी अभियान चलाया गया। एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई आतंकी संगठनों के ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) और उनकी गतिविधियों को उजागर करने के लिए की गई, जो क्षेत्र में अशांति फैलाने की साजिश रच रहे थे।
पिछले हफ्ते भी NIA ने दिखाई थी ताकत
यह कोई पहला मौका नहीं है जब एनआईए ने इतने बड़े पैमाने पर कार्रवाई की हो। बीते हफ्ते ही एजेंसी ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों से जुड़े जासूसी रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए 8 राज्यों—उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, असम और पश्चिम बंगाल—में 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान सीआरपीएफ के बर्खास्त असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर मोती राम जाट की गिरफ्तारी ने सुर्खियां बटोरीं, जिन पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप है। छापेमारी में कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, संदिग्ध वित्तीय दस्तावेज और अन्य सबूत बरामद किए गए।
आतंक के खिलाफ NIA का सख्त रुख
एनआईए की इस ताबड़तोड़ कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद और जासूसी जैसे खतरों के खिलाफ भारत की शून्य सहनशीलता की नीति अब और सख्त हो चुकी है। जम्मू-कश्मीर में आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने और देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एनआईए का यह अभियान न केवल प्रभावी है, बल्कि आतंकियों और उनके समर्थकों के लिए एक कड़ा संदेश भी है।