रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान (DRDO) ने सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने के उद्देश्य से शुक्रवार को बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग प्रोडक्ट्स लॉन्च किया है डीआरडीओ ने प्राकृतिक और पौधों पर आधारित फूड ग्रेड सामग्रियों से पर्यावरण अनुकूल ये पैकेजिंग बैग बनाए हैं डीआरडीओ ने इन बैग को आचार्य नागार्जुन यूनिवर्सिटी और इकोलास्टिक प्राइवेट लिमिटेड के साथ साझेदारी कर विकसित किया है
डीआरडीओ और इकोलास्टिक प्राइवेट लिमिटेड ने एक बयान में कहा, “बैग दो रूप में उपलब्ध हैं, घुलनशील और अघुलनशील. ये तीन महीनों में प्राकृतिक रूप से गल सकते हैं और इससे पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा.
पेट्रोकेमिकल्स से बने प्लास्टिक बैग के गलने में सालों लगते हैं और ये पर्यावरण के लिए भी काफी हानिकारक हैं इसकी तुलना में ये बैग अधिक टिकाऊ, किफायती हैं और सिंगल यूज प्लास्टिक के बेहतरीन विकल्प हैं.”
मुख्य वैज्ञानिक डॉ वीरा भ्रमम ने कहा कि काफी टेस्टिंग और एक सही फॉर्मूले पर पहुंचने के बाद इस प्रोडक्ट को लॉन्च किया गया है. उन्होंने कहा, “हमने इसकी क्षमता और प्राकृतिक रूप से गलने जैसे फैक्टर का ध्यान रखा है. इसके बाद ही प्लास्टिक के विकल्प के रूप सबसे टिकाऊ प्रोडक्ट बना है. इस बैग से एक भी जानवर का नुकसान नहीं होगा.”