वाराणसी, 23 मई 2025, शुक्रवार। वाराणसी के जंसा थाना क्षेत्र में शुक्रवार को एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। राखी नेवादा गांव में 25 वर्षीय रेनू यादव, जो छह महीने पहले ही दुल्हन बनकर अपने ससुराल आई थी, का शव संदिग्ध परिस्थितियों में कमरे के रोशनदान से दुपट्टे के सहारे लटकता पाया गया। इस घटना ने न केवल रेनू के परिवार, बल्कि पूरे गांव को सदमे में डाल दिया। मायके वालों ने ससुराल पक्ष पर दहेज के लिए हत्या का गंभीर आरोप लगाया है, जबकि पुलिस मामले की गहन जांच में जुट गई है।
रेनू की शादी छह महीने पहले राखी नेवादा गांव के लालू यादव से हुई थी। शुरुआती दिन खुशहाली में बीते, लेकिन जल्द ही दहेज और शादी के खर्चों को लेकर ससुराल वालों के ताने शुरू हो गए। बताया जाता है कि रेनू और उसके पति के बीच आए दिन झगड़े होने लगे। गुरुवार रात भी ससुराल में तीखी नोंकझोंक हुई, जिसके बाद रेनू ने खुद को कमरे में बंद कर लिया। सुबह जब कमरे का दरवाजा नहीं खुला, तो ससुराल वालों ने कुंडी तोड़ी। अंदर का मंजर देखकर सभी के होश उड़ गए—रेनू का शव रोशनदान से लटक रहा था।
सूचना मिलते ही एसीपी राजातालाब अजय कुमार श्रीवास्तव और जंसा थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। उधर, रेनू के मायके वालों ने ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि शादी के बाद से ही रेनू को दहेज के लिए मानसिक और भावनात्मक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। परिजनों ने पुलिस को तहरीर सौंपकर ससुराल वालों की गिरफ्तारी की मांग की और इसे दहेज हत्या का मामला बताया। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। एसीपी ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। ससुराल पक्ष से पूछताछ जारी है, और पुलिस हर पहलू की बारीकी से पड़ताल कर रही है।
यह घटना एक बार फिर समाज में दहेज की कुप्रथा और उससे जुड़ी त्रासदियों को उजागर करती है। रेनू की मौत आत्महत्या थी या हत्या, यह सवाल जांच के बाद ही स्पष्ट होगा, लेकिन इस घटना ने एक परिवार को हमेशा के लिए दुख के अंधेरे में धकेल दिया है। क्या दहेज की आग में एक और जिंदगी जल गई, या इसके पीछे कोई और सच्चाई है? जवाब का इंतजार अब सबको है।