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Thursday, June 19, 2025

विश्व संवाद केंद्र द्वारा नव-वर्ष मिलन समारोह: एक आकर्षक संवाद

वाराणसी, 29 मार्च 2025, शनिवार। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, विक्रमी संवत 2082 और चेटीचंड के पावन अवसर पर विश्व संवाद केंद्र में आयोजित नव-वर्ष मिलन समारोह में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने पत्रकारों से संवाद किया। इस मौके पर उन्होंने सामाजिक, धार्मिक और वैश्विक मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी, जो न केवल विचारोत्तेजक थी, बल्कि हिंदू समाज की भावनाओं और अपेक्षाओं को भी स्पष्ट रूप से प्रतिबिंबित करती थी।

पास्टर बजिन्दर सिंह मामला: न्याय और नैतिकता पर सवाल

आलोक कुमार ने हाल ही में चर्चा में आए पास्टर बजिन्दर सिंह के मामले का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद पास्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके विरोध में ईसाई समुदाय ने हाईवे जाम कर दिया। लेकिन अब कोर्ट ने पास्टर को बलात्कार का दोषी करार दिया है। इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए उन्होंने कहा, “सरकार और संस्थानों पर दबाव डालना उचित नहीं है। यह बलात्कार और छेड़खानी का गंभीर मामला है। ऐसे व्यक्ति के समर्थन में खड़ा होना किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता।” उनका यह बयान नैतिकता और कानून के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

नवरात्र और हिंदू भावनाओं का सम्मान

नववर्ष और नवरात्र के महत्व पर प्रकाश डालते हुए आलोक कुमार ने कहा कि यह समय व्रत, संयम और एक-दूसरे की भावनाओं के सम्मान का है। नवरात्र के दौरान मांस और मदिरा की बिक्री पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने स्पष्ट किया, “यह कोई दबाव नहीं, बल्कि हिंदू भावनाओं का सम्मान करने की अपील है।” उनका यह कथन धार्मिक संवेदनशीलता और सामाजिक समरसता को रेखांकित करता है।

कुम्भ की भव्यता और हिंदू संस्कार

हाल ही में प्रयागराज में आयोजित कुम्भ का उल्लेख करते हुए उन्होंने गर्व से कहा कि यह पिछले कुम्भ से भी विशाल था और यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर का दर्जा दिया है। हिंदू संस्कारों को परिवार तक पहुंचाने की बात करते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि हर हिंदू परिवार में कम से कम दो-तीन बच्चे होने चाहिए, ताकि संस्कृति और परंपराएं जीवित रहें।

काशी-मथुरा और जनसंख्या नियंत्रण

आलोक कुमार ने काशी और मथुरा के मंदिरों से जुड़े मुकदमों पर आशावाद जताया। उन्होंने कहा कि इन मामलों में जल्द प्रगति होगी, जिससे हिंदू समाज अपने आराध्य स्थलों को पुनः प्राप्त कर सकेगा। जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर उन्होंने सरकार से प्रभावी कदम उठाने की मांग की और चिंता जताई कि मुस्लिम समुदाय की फर्टिलिटी रेट अधिक होने से असंतुलन बढ़ रहा है।

नेपाल और बांग्लादेश: वैश्विक परिदृश्य

नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा, “हमारी सद्भावना है। नेपाल का लोकतंत्र उनके लिए लाभकारी नहीं रहा, यह उनका अनुभव है।” वहीं, बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के मुद्दे पर उन्होंने बताया कि दुनिया के 100 देशों में बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर प्रदर्शन हुए। इंग्लैंड, अमेरिका और यूरोप ने इस पर बयान जारी किए, जबकि ट्रंप ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया। ढाका में तीन लाख हिंदुओं ने तीन दिनों तक प्रदर्शन किया, जो उनकी एकजुटता का प्रतीक है।

पाकिस्तान का भविष्य और रामोत्सव

पाकिस्तान के संदर्भ में उन्होंने भविष्यवाणी की, “सिंध के लोग राजा दाहिर के वंशज होने पर गर्व करते हैं। पाकिस्तान टूटेगा और बलूचिस्तान एक अलग देश बनेगा।” भारत में रामोत्सव की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह हर गांव में मनाया जाता है और इसे और भव्य बनाने के प्रयास जारी हैं।

आलोक कुमार का यह संवाद न केवल हिंदू समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को मजबूत करने की उनकी दृष्टि को भी उजागर करता है। यह समारोह नववर्ष के स्वागत के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता और एकता का संदेश लेकर आया।

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