लखनऊ, 25 अप्रैल 2025, शुक्रवार। राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खबर! लंबे समय से तबादले की राह देख रहे कर्मचारियों का इंतजार अब जल्द ही खत्म होने वाला है। नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग ने 2025-26 के लिए नई स्थानांतरण नीति पर काम शुरू कर दिया है, और सूत्रों की मानें तो मई 2025 के अंत तक इस नीति को मंजूरी मिल सकती है। यह खबर कर्मचारियों के बीच उम्मीद की किरण लेकर आई है, जो अपने तबादलों के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नई नीति में कर्मचारियों को तबादले के लिए एक महीने का समय दिया जा सकता है। योजना है कि 1 जून से नई नीति लागू हो जाए, जिसके तहत 30 जून तक तबादले की प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी। नीति को अंतिम रूप देने के बाद इसे मई में कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
नई नीति में क्या होगा खास?
नई स्थानांतरण नीति में कई अहम प्रावधान शामिल होने की संभावना है, जो कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण होंगे। आइए, एक नजर डालते हैं संभावित नियमों पर:
- समूह ‘क’ और ‘ख’ के अधिकारी: जिन अधिकारियों ने किसी जिले में 3 साल और मंडल में 7 साल की सेवा पूरी कर ली है, उनके तबादले किए जा सकेंगे। इनके लिए अधिकतम 20% तबादलों की सीमा निर्धारित की जा सकती है।
- समूह ‘ग’ और ‘घ’ के कर्मचारी: इन समूहों में सबसे पुराने कर्मचारियों को तबादले का मौका मिलेगा। इनके लिए तबादला सीमा 10 से 15% के बीच रखी जा सकती है।
- अतिरिक्त तबादलों पर सख्ती: अगर कोई विभाग निर्धारित सीमा से अधिक तबादले करता है, तो उसे मुख्यमंत्री की मंजूरी लेनी होगी।
कर्मचारियों में उत्साह, प्रक्रिया में पारदर्शिता की उम्मीद
नई नीति के आने से कर्मचारियों में उत्साह का माहौल है। तबादला नीति न केवल कर्मचारियों को नई जगह पर काम करने का अवसर देगी, बल्कि कार्यक्षमता और प्रशासनिक दक्षता को भी बढ़ाएगी। नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग की कोशिश है कि नीति को पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से लागू किया जाए, ताकि कर्मचारियों को किसी तरह की असुविधा न हो।
मई का महीना अब कर्मचारियों के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक बनने जा रहा है। जैसे-जैसे नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है, कर्मचारी उत्सुकता के साथ इसकी घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। यह नीति न केवल तबादलों को सुगम बनाएगी, बल्कि राज्य प्रशासन को और मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाएगी।