नई दिल्ली, 21 मई 2025, बुधवार। जयपुर, गुलाबी नगरी, जहां की मिठाइयां देश-विदेश में अपनी मिठास और खुशबू के लिए मशहूर हैं, अब एक नए बदलाव की सैर पर निकली है। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर अब सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह मिठाई की दुकानों तक पहुंच गया है। जयपुर की मिठाईयों ने नया रंग-रूप अपनाया है, जहां ‘पाक’ शब्द को छोड़कर ‘श्री’ और ‘भारत’ जैसे देशी नामों ने जगह ले ली है। यह बदलाव न सिर्फ मिठाइयों के नामों का है, बल्कि इसमें देशभक्ति का जज्बा और ग्राहकों की भावनाओं का सम्मान भी झलकता है।
‘मोती पाक’ अब ‘मोती श्री’, मिठास में देशप्रेम का स्वाद
शहर की मशहूर मिठाइयों जैसे ‘मोती पाक’, ‘आम पाक’, ‘गोंद पाक’, और ‘मैसूर पाक’ अब नए नामों के साथ दुकानों की शोभा बढ़ा रही हैं। ‘मोती श्री’, ‘आम श्री’, ‘गोंद श्री’, और ‘मैसूर श्री’ जैसे नाम अब ग्राहकों को लुभा रहे हैं। इस बदलाव की शुरुआत ग्राहकों की मांग से हुई। जयपुर की एक मशहूर मिठाई दुकान, अंजली स्वीट्स की मालकिन अंजली जैन बताती हैं, “पिछले कुछ समय से ग्राहक ‘पाक’ शब्द सुनकर असहज महसूस कर रहे थे। वे कहते थे, ‘नाम बदल दो, कुछ देशी और गर्व करने वाला नाम रखो।’ हमने अपनी टीम से सलाह की और फैसला लिया कि मिठाइयों को नए नाम दिए जाएं।” इस तरह ‘बीकानेरी मोती पाक’ अब ‘बीकानेरी मोती श्री’ बन गया, वहीं ‘चांदी भस्म पाक’ और ‘स्वर्ण भस्म पाक’ को क्रमशः ‘चांदी भस्म श्री’ और ‘स्वर्ण भस्म श्री’ नाम मिला।
देशभक्ति की मिठास, ग्राहकों का उत्साह
यह बदलाव सिर्फ नामों तक सीमित नहीं है; यह एक भावना है, जो ग्राहकों और दुकानदारों के बीच देशप्रेम की एक नई लहर लाई है। शास्त्री नगर के अग्रवाल कैटरर्स के मालिक विपिन अग्रवाल मुस्कुराते हुए कहते हैं, “जब ग्राहक ‘श्री’ शब्द सुनते हैं, तो उनके चेहरे पर एक अलग ही सुकून और गर्व नजर आता है। यह छोटा सा बदलाव हमारे लिए देश के प्रति अपनी भावनाओं को जाहिर करने का एक तरीका है।” विपिन जल्द ही अपनी दुकान पर सभी मिठाइयों के नाम बदलने की योजना बना रहे हैं।
स्वीट्स एसोसिएशन का समर्थन, मिठाइयों में ‘भारत’ की महक
जयपुर की स्वीट्स एसोसिएशन भी इस बदलाव के समर्थन में खड़ी है। मुंबई मिष्ठान भंडार के मेहुल अग्रवाल बताते हैं, “हम इस पहल का स्वागत करते हैं। ‘पाक’ की जगह ‘श्री’ या ‘भारत’ जैसे शब्द मिठाइयों को न सिर्फ नया नाम देंगे, बल्कि हमारी संस्कृति और देशभक्ति को भी बढ़ावा देंगे।” मेहुल की दुकान पर भी जल्द ही मिठाइयों के नामों में यह बदलाव देखने को मिलेगा।
मिठाइयों में संस्कृति और स्वाद का संगम
यह बदलाव केवल एक शब्द का नहीं, बल्कि एक सोच का है। ‘श्री’ शब्द भारतीय संस्कृति में शुभता और समृद्धि का प्रतीक है। जब यह मिठाइयों के साथ जुड़ता है, तो स्वाद के साथ-साथ एक सकारात्मक भावना भी ग्राहकों तक पहुंचती है। जयपुर की मिठाइयां पहले से ही अपने स्वाद और परंपरा के लिए जानी जाती हैं, और अब इनके नए नाम उन्हें और भी खास बना रहे हैं।
जयपुर की मिठास, अब देशभक्ति के रंग में
जयपुर की गलियों में अब मिठाइयों की मिठास के साथ देशभक्ति की खुशबू भी बिखर रही है। यह बदलाव न केवल मिठाई दुकानों की रौनक बढ़ा रहा है, बल्कि ग्राहकों के दिलों में भी एक नई ताजगी ला रहा है। हर ‘मोती श्री’ और ‘आम श्री’ का टुकड़ा अब सिर्फ स्वाद ही नहीं, बल्कि देश के प्रति गर्व और सम्मान का भी प्रतीक बन गया है। तो अगली बार जब आप जयपुर की किसी मिठाई दुकान पर जाएं, तो इन नए नामों के साथ मिठास का स्वाद जरूर चखें, क्योंकि यह मिठाई सिर्फ आपके मुंह को ही नहीं, बल्कि आपके दिल को भी सुकून देगी।