श्रीनगर, 7 दिसंबर 2024, शनिवार। जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर आधुनिक तकनीकों को अपना रहे हैं। वे पॉली हाउस फार्मिंग के जरिए अपनी आर्थिक स्थिति सुधार रहे हैं। इस तकनीक से वे सालभर फसल उगा रहे हैं और अपनी आय में वृद्धि कर रहे हैं। किसानों को इस पहल के लिए केंद्र सरकार और कृषि विभाग की ओर से तकनीकी मदद और सब्सिडी मिली है। इससे उन्हें आधुनिक तकनीकों को अपनाने में मदद मिली है और वे अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने में सक्षम हो रहे हैं।
पॉली हाउस फार्मिंग से किसानों की बदल रही है किस्मत!
पॉली हाउस फार्मिंग ने जम्मू-कश्मीर के किसानों की जिंदगी बदल दी है। इस तकनीक से किसान सालभर सब्जियों और फूलों की खेती कर सकते हैं और बेहतर दाम पा सकते हैं। स्वांखा गांव के अर्जुन सिंह ने बताया कि पॉली हाउस से उन्हें सालभर खेती करने का मौका मिला है। इससे उनकी आय में कई गुना वृद्धि हुई है। कृषि विभाग ने पॉली हाउस स्थापित करने के लिए किसानों को 95% तक सब्सिडी दी है और तकनीकी प्रशिक्षण भी प्रदान किया है। अर्जुन सिंह ने बताया कि इस तकनीक से उन्हें एक सीजन में 40 क्विंटल बीज रहित खीरे की उपज मिली, जो बाजार में पारंपरिक खीरे से ज्यादा कीमत पर बिकते हैं।
पॉली हाउस फार्मिंग: किसानों की आमदनी बढ़ाने का सुनहरा अवसर!
पॉली हाउस फार्मिंग ने जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के किसानों की जिंदगी बदल दी है। इस तकनीक से किसानों को उपज का बेहतर मूल्य मिलने लगा है और उत्पादन भी बढ़ा है। जिला कृषि अधिकारी मदन गोपाल ने बताया कि जिले में अभी 10 पॉली हाउस काम कर रहे हैं और अगले साल तक इनकी संख्या 15 तक पहुंचने की उम्मीद है। किसान अर्जुन सिंह की सफलता अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन रही है। कृषि विभाग की योजना है कि छोटे किसानों को अधिकतम मुनाफा देने के लिए ऐसी आधुनिक तकनीकों को और बढ़ावा दिया जाए। यह योजना न केवल सांबा जिले के किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, बल्कि इसे पूरे देश में लागू करने की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है।