नई दिल्ली, 30 मई 2025, शुक्रवार: प्रधानमंत्री गति शक्ति मास्टर प्लान के तहत रतलाम-नागदा रेलखंड पर तीसरी और चौथी रेल लाइन की स्वीकृति के अवसर पर रेल भवन, नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस परियोजना की घोषणा की। इस अवसर पर उज्जैन-अलोट सांसद अनिल फिरोजिया मौजूद थे, जबकि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव वर्चुअली जुड़े। उनके साथ राज्य के मंत्री चेतन्य कश्यप, सांसद अनीता नागर सिंह चौहान, विधायक मथुरा लाल डामर और डॉ. तेज बहादुर सिंह चौहान भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए।
41 किमी रेलखंड, ₹1,018 करोड़ की लागत
रेल मंत्री ने बताया कि 41 किलोमीटर लंबे रतलाम-नागदा रेलखंड को चार ट्रैकों वाला बनाया जाएगा, जिसकी लागत ₹1,018 करोड़ है। यह परियोजना मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली को पश्चिमी तट के बंदरगाहों से बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। रतलाम जंक्शन, जो उत्तर (नागदा), दक्षिण (वडोदरा), पूर्व (इंदौर) और पश्चिम (चित्तौड़गढ़) को जोड़ता है, इस परियोजना से लॉजिस्टिक्स लागत कम होगी और आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
पर्यावरण और रोजगार को लाभ
यह परियोजना ‘जीरो कार्बन’ लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण है। इससे प्रतिवर्ष 38 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन में कमी आएगी, जो 1.5 करोड़ पेड़ों के बराबर है। 11वें वर्ष तक यह लाभ 16.5 करोड़ पेड़ों के समान होगा। साथ ही, 7.5 करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी। परियोजना से 27 लाख मानव-दिवस का रोजगार भी सृजित होगा।
उद्योग और पर्यटन को गति
यह रेलखंड नागदा थर्मल पावर प्लांट, विस्कोस फाइबर और केमिकल प्लांट जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी देगा। कृषि उत्पाद, कोयला, कंटेनर और पेट्रोलियम परिवहन में भी तेजी आएगी। पर्यटन के क्षेत्र में खजुराहो, ग्वालियर, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, ओंकारेश्वर, सांची, उज्जैन, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, अमरकंटक और भीम जन्मभूमि जैसे स्थल बेहतर जुड़ाव से लाभान्वित होंगे।
नई ट्रेन सेवाएं
रेल मंत्री ने बताया कि दिल्ली से डॉ. अंबेडकर नगर के लिए नई ट्रेन सेवा शुरू हो चुकी है। साथ ही, रीवा-सतना-जबलपुर-पुणे, जबलपुर-रायपुर और ग्वालियर-पुणे-भोपाल-बेंगलुरु के लिए तीन नई ट्रेन सेवाओं को मंजूरी दी गई है, जो जल्द शुरू होंगी।
मध्य प्रदेश का स्वर्णकाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह परियोजना मध्य प्रदेश के विकास का नया द्वार खोलेगी। उन्होंने इसे राज्य के स्वर्णकाल का प्रतीक बताया। यह परियोजना न केवल कनेक्टिविटी बढ़ाएगी, बल्कि आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक विकास को भी गति देगी।