रायपुर, 20 दिसंबर 2024, शुक्रवार। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ का एनमेटा गांव, जो कभी नक्सली कमांडर डोसेल के आतंक के लिए जाना जाता था, अब बदलाव की मिसाल बनकर खड़ा है। यहां के बच्चे पहली बार अपने ही गांव के प्राथमिक स्कूल में पढ़ रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि तत्काल स्कूल की इमारत उपलब्ध न होने के कारण गाँव के बीचो बीच एक झोपड़ी को ही स्कूल का रूप दे दिया गया।
अब गाँव के बच्चे लाल सलाम के नारे भूलकर, ककहरा और गिनती सीख रहे हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि छत्तीसगढ़ के हर कोने में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाएं पहुंचें। एनमेटा जैसे दुर्गम और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्कूल की स्थापना हमारे संकल्प का प्रमाण है कि हम शिक्षा के माध्यम से बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
कलेक्टर विपिन मांझी ने बताया कि एनमेटा क्षेत्र पहले नक्सल गतिविधियों का केंद्र था। पिछले 77 सालों से यह गांव बुनियादी सुविधाओं से वंचित था। नक्सली गतिविधियों की वजह से स्कूल, सड़क, और अन्य विकास कार्य रुक गए थे। लेकिन प्रशासन की पहल से अब स्थिति बदल रही है।