उद्घाटन समारोह के लिए नए संसद भवन के मुख्य वास्तुकार बिमल पटेल और प्रतिष्ठित उद्योगपति रतन टाटा को भी आमंत्रित किया गया है। फिल्मी सितारों और खिलाड़ियों सहित कुछ प्रमुख हस्तियों को भी इस ऐतिहासिक मौके पर आमंत्रित किया गया है।
इधर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन अवसर पर शुभकामना संदेश जारी करने की संभावना है। सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि उद्घाटन के दिन राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों एक बधाई संदेश देंगे। विपक्ष ने हाल ही में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं कराने पर शीर्ष सांविधानिक पदों का अपमान करने का आरोप लगाया था।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), आम आदमी पार्टी (आप), सीपीआईएम ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होने की घोषणा की है। राज्यसभा में टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन, भाकपा महासचिव डी राजा और आप के राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि वे उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति से नए संसद भवन का उद्घाटन कराने की मांग को लेकर समान विचारों वाले विपक्षी दल संयुक्त रूप से उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की शीघ्र घोषणा कर सकते हैं। औपचारिक निमंत्रण मिलने के बाद बुधवार को इस बारे में उनकी तरफ से अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
लोकसभा में तृणमूल के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि उद्घाटन कार्यक्रम या तो स्वतंत्रता दिवस, या गणतंत्र दिवस, या गांधी जयंती पर आयोजित किया जाना चाहिए था न कि वीडी सावरकर की जयंती पर। यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी ने केंद्र के समक्ष अपनी चिंताएं जताई हैं, बंदोपाध्याय ने हां में जवाब दिया। उन्होंने कहा, विपक्षी दलों को पुराने संसद भवन का क्या होगा, इस बारे में अंधेरे में रखा गया है। सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है।
राज्यसभा में तृणमूल के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया, संसद सिर्फ एक इमारत नहीं है बल्कि पुरानी परंपराओं, मूल्यों, मिसालों और भारतीय लोकतंत्र की नींव वाली एक संस्था है। पीएम मोदी इसे नहीं समझते। उनके लिए, रविवार को नए भवन का उद्घाटन मैं, मुझे, स्वत: के बारे में है। इसलिए हमें बाहर गिनें।
नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर विवाद के बीच सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राष्ट्रपति को दरकिनार करने का आरोप लगाया। येचुरी ने ट्वीट किया, जब नए संसद भवन की आधारशिला रखी गई तो पीएम मोदी ने राष्ट्रपति को दरकिनार किया। अब उद्घाटन पर भी। यह अस्वीकार्य है। संविधान के अनुच्छेद 79 के अनुसार संघ के लिए एक संसद होगी जिसमें राष्ट्रपति और दो सदन होंगे। केवल भारत के राष्ट्रपति संसद को बुला सकते हैं। राष्ट्रपति के संबोधित के बाद दोनों सदन संसदीय कामकाज शुरू करते हैं।