कोलकाता, 18 अप्रैल 2025, शुक्रवार। पश्चिम बंगाल की सियासत में अपनी धमक रखने वाले बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष 60 साल की उम्र में एक नया अध्याय शुरू करने जा रहे हैं। शुक्रवार को कोलकाता के अपने आवास पर वह बीजेपी की सक्रिय कार्यकर्ता रिंकी मजूमदार के साथ सात फेरे लेंगे। यह दिलीप घोष की पहली शादी है, जो उनकी मां के आग्रह और रिंकी के प्रेम भरे प्रयासों का नतीजा है। यह कहानी न केवल प्यार और समर्पण की है, बल्कि यह भी बताती है कि जीवन में नई शुरुआत के लिए उम्र कोई बाधा नहीं।
कौन हैं रिंकी मजूमदार?
50 वर्षीय रिंकी मजूमदार बीजेपी महिला मोर्चा की सक्रिय सदस्य हैं। तलाकशुदा रिंकी का एक 25 साल का बेटा है, जो आईटी सेक्टर में काम करता है। कोलकाता के न्यूटाउन में रहने वाली रिंकी की दिलीप घोष से मुलाकात 2021 में एक पार्टी कार्यक्रम के दौरान हुई थी। दिलीप के कहने पर ही रिंकी ने बीजेपी जॉइन की थी। धीरे-धीरे उनकी दोस्ती गहरे प्रेम में बदल गई। 2024 में लोकसभा चुनाव में दिलीप की हार के बाद, जब वह निराश थे, रिंकी ने उनके सामने शादी का प्रस्ताव रखा। हालांकि, दिलीप ने तब मना कर दिया, लेकिन रिंकी ने हार नहीं मानी।
मां के आग्रह और रिंकी की कोशिशें
दिलीप घोष की मां पुष्पलता घोष अपने बेटे के लिए पारिवारिक जीवन की चाहत रखती थीं। रिंकी ने उनकी इस इच्छा को समझा और खुद पुष्पलता से मिलकर उन्हें शादी के लिए मनाने की कोशिश की। रिंकी की सच्चाई और लगन ने पुष्पलता का दिल जीत लिया, और उन्होंने दिलीप को राजी किया। 19 साल की उम्र से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचारक रहे दिलीप ने कभी शादी के बारे में नहीं सोचा था। लेकिन मां की बात और रिंकी के प्रेम ने उन्हें यह कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।
एक सादगी भरा समारोह
दिलीप और रिंकी की शादी बेहद निजी और सादगी भरी होगी, जिसमें केवल करीबी रिश्तेदार शामिल होंगे। दिलीप की मां भी इस खास मौके के लिए कोलकाता पहुंच चुकी हैं। दोनों की नजदीकियां तब भी चर्चा में आई थीं, जब वे रिंकी के बेटे के साथ ईडन गार्डन्स में केकेआर का आईपीएल मैच देखने गए थे। यह पल उनकी जिंदगी के साझा खुशी के लम्हों का प्रतीक था।
सियासी हलचल और दिलीप का बेबाक जवाब
दिलीप घोष की शादी की खबर ने बीजेपी के गलियारों में हलचल मचा दी है। कुछ नेताओं का मानना है कि 60 की उम्र में शादी का फैसला उनकी छवि को प्रभावित कर सकता है, खासकर 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले। सूत्रों के मुताबिक, आरएसएस और पार्टी के कुछ नेताओं ने उन्हें शादी न करने की सलाह दी थी, लेकिन दिलीप अपने फैसले पर अडिग रहे। जब मीडिया ने उनसे इस बारे में सवाल किया, तो उन्होंने अपने चिरपरिचित अंदाज में जवाब दिया, “क्यों, क्या मैं शादी नहीं कर सकता? क्या शादी करना अपराध है?” इस जवाब ने उनकी बेबाकी और आत्मविश्वास को जाहिर किया।
एक प्रेरणादायक कहानी
1984 में आरएसएस से जुड़ने वाले दिलीप घोष ने 2014 में बीजेपी में सक्रिय भूमिका निभाई। सियासत के इस लंबे सफर में उन्होंने कभी निजी जीवन को तरजीह नहीं दी। लेकिन रिंकी मजूमदार और उनकी मां की कोशिशों ने उन्हें यह एहसास दिलाया कि जीवन में प्यार और परिवार का भी एक खास स्थान है। यह कहानी सिर्फ शादी की नहीं, बल्कि उस विश्वास और धैर्य की है, जो रिश्तों को मजबूत बनाता है।
दिलीप और रिंकी की यह प्रेम कहानी न केवल सियासी गलियारों में चर्चा का विषय है, बल्कि यह हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है, जो मानता है कि प्यार और नए सपनों की शुरुआत के लिए उम्र महज एक संख्या है।