लखनऊ, 17 जनवरी 2025, शुक्रवार। उत्तर प्रदेश में पर्यटन की एक नई कहानी शुरू हो रही है, जिसमें धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुसार, प्रदेश के पवित्र स्थलों का विकास किया जा रहा है, जिससे पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। अयोध्या, वाराणसी, मथुरा और चित्रकूट जैसे पवित्र स्थलों का विकास हो रहा है, जो हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं। इन स्थलों पर आने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, जिससे प्रदेश की आर्थिक तरक्की को भी बढ़ावा मिल रहा है।

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के बाद वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों में वर्ष 2023 में 10 करोड़ से अधिक पर्यटक आए। इसी तरह, अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भगवान श्रीराम का दिव्य एवं भव्य मंदिर बनने के बाद यहां रोज आने वाले पर्यटकों/श्रद्धालुओं की संख्या एक से डेढ़ लाख तक हो गई है। यह देश के किसी भी धार्मिक स्थल पर आने वाले पर्यटकों/श्रद्धालुओं से अधिक है। एक रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब स्थित सिखों के सबसे पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर में आने वाले रोज के पर्यटक/श्रद्धालु का औसत एक लाख के करीब है। जम्मू कश्मीर में मां वैष्णो देवी पहुंचने वालों की औसत संख्या 32 से 40 हजार है।

इस तरह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन और उनके अनुरूप किए गए प्रयासों के कारण धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन, धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं संवर्धन के साथ प्रदेश की आर्थिक तरक्की का जरिया भी बन रहा है। यही मुख्यमंत्री की मंशा भी है। वहीं, उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार एक नए धार्मिक क्षेत्र का विकास करने जा रही है, जिसमें वाराणसी और प्रयागराज के अलावा चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मीरजापुर, भदोही जिले शामिल होंगे। यह क्षेत्र 22 हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक का होगा और इससे लगभग दो करोड़ 38 लाख लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

इस परिकल्पना के साकार होने से उत्तर प्रदेश के धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, योगी सरकार का फोकस संबंधित क्षेत्र के बुनियादी विकास पर भी है, जैसे कि अयोध्या और रामसनेही घाट के बीच एक इंडस्ट्रियल सेक्टर बनाने की योजना है। प्रयागराज और वाराणसी धार्मिक क्षेत्र में भी औद्योगिक क्षेत्र और नॉलेज पार्क बनाने की योजना है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
