नई दिल्ली, 20 मार्च 2025, गुरुवार। भारतीय रेलवे, जो देश की जीवनरेखा मानी जाती है, अब यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को लेकर पहले से कहीं ज्यादा सजग और सक्रिय नजर आ रही है। त्योहारों और बड़े आयोजनों के दौरान स्टेशनों पर उमड़ने वाली भीड़ को संभालने के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में लोकसभा में जो जानकारी साझा की, वह रेलवे के आधुनिकीकरण और बेहतर प्रबंधन की एक नई तस्वीर पेश करती है। खास तौर पर महाकुंभ 2025 जैसे विशाल आयोजन को ध्यान में रखते हुए किए गए इंतजाम और देश के प्रमुख स्टेशनों पर लागू की जा रही योजनाएं इस बात का सबूत हैं कि रेलवे अब सिर्फ परिवहन का साधन नहीं, बल्कि एक सुव्यवस्थित अनुभव बनने की ओर बढ़ रहा है।
महाकुंभ 2025: प्रयागराज में बुनियादी ढांचे का कमाल
प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ 2025 को लेकर रेलवे ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। रेल मंत्री ने बताया कि इस मेगा इवेंट के लिए प्रयागराज क्षेत्र के 9 स्टेशनों पर कुल 48 प्लेटफॉर्म तैयार किए गए हैं, जिसमें 7 नए प्लेटफॉर्म शामिल हैं। स्टेशनों तक पहुंचने वाली सड़कों को चौड़ा किया गया, ताकि तीर्थयात्रियों को कोई परेशानी न हो। इसके अलावा, 17 नए यात्री आश्रय बनाए गए, जिससे इनकी क्षमता 21,000 से बढ़कर 1,10,000 से ज्यादा हो गई। 21 नए ओवरब्रिज और अंडरपास बनाकर सभी रेलवे क्रॉसिंग को खत्म कर दिया गया, जिससे आवागमन और सुरक्षित हो गया।
भीड़ प्रबंधन के लिए हर स्टेशन पर अलग नियंत्रण कक्ष और प्रयागराज जंक्शन पर एक केंद्रीय मास्टर कक्ष बनाया गया। खास स्नान दिनों के लिए एक तरफा प्रवेश-निकास और प्लेटफॉर्मों पर एक दिशा में आवागमन की व्यवस्था की गई। यह सब सुनिश्चित करता है कि लाखों श्रद्धालु बिना किसी अव्यवस्था के अपनी यात्रा पूरी कर सकें।
सुरक्षा का मजबूत कवच
महाकुंभ के दौरान सुरक्षा को लेकर रेलवे ने अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। 1200 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे, जिनमें 116 फेस रिकग्निशन सिस्टम और ड्रोन कैमरे शामिल हैं, स्टेशनों और रास्तों पर नजर रख रहे हैं। इसके साथ ही, 15,000 अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी—रेल सुरक्षा बल, राजकीय रेलवे पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान—तैनात किए गए हैं। यह तकनीक और मानव शक्ति का शानदार संगम यात्रियों को न सिर्फ सुरक्षित रखेगा, बल्कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने में कारगर साबित होगा।
देशभर के स्टेशनों पर नई व्यवस्था
यह तैयारी सिर्फ महाकुंभ तक सीमित नहीं है। वाराणसी, अयोध्या, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, दानापुर और नई दिल्ली जैसे व्यस्त स्टेशनों पर भी अतिरिक्त संसाधन और कर्मचारी तैनात किए गए हैं। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, जो हर साल छठ, होली और कुंभ जैसे मौकों पर लाखों यात्रियों का गवाह बनता है, वहां पहले से ही 16 प्लेटफॉर्म, तीन फुट ओवरब्रिज और दोनों तरफ से पहुंच की सुविधा मौजूद है। लेकिन अब इसे और बेहतर करने के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत इसका पुनर्विकास शुरू हो चुका है।
अमृत भारत स्टेशन योजना: भविष्य की नींव
अमृत भारत स्टेशन योजना रेलवे के दीर्घकालिक विजन का हिस्सा है। इसके तहत स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है—चौड़े रास्ते, प्रतीक्षालय, लिफ्ट, मुफ्त वाई-फाई, स्थानीय उत्पादों के लिए कियोस्क, बेहतर सूचना प्रणाली और दिव्यांगजनों के लिए खास इंतजाम। नई दिल्ली स्टेशन के पुनर्विकास में विशाल एयर कॉन्कोर्स, मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब और दो स्तरों पर आवागमन की योजना है। यह स्टेशन न सिर्फ यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि आसपास के इलाकों की भीड़ को कम करने में भी मदद करेगा।
भीड़ प्रबंधन का नया मॉडल
त्योहारों के दौरान स्टेशनों पर अचानक बढ़ने वाली भीड़ को देखते हुए रेलवे ने नई रणनीति अपनाई है। 60 स्टेशनों पर स्थायी प्रतीक्षालय बनाए जा रहे हैं, जहां यात्रियों को गाड़ी आने तक व्यवस्थित तरीके से रोका जाएगा। नई दिल्ली, वाराणसी, आनंद विहार जैसे स्टेशनों पर यह प्रयोग शुरू हो चुका है। इसके अलावा, चौड़े फुट ओवरब्रिज, एक्सेस कंट्रोल, ज्यादा कैमरे, वार रूम और आधुनिक संचार उपकरण भीड़ को संभालने में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे।
रेलवे का नया संकल्प
रेल मंत्री ने साफ किया कि यह सिर्फ अस्थायी इंतजाम नहीं हैं। स्टेशन निदेशकों को ज्यादा अधिकार, कर्मचारियों के लिए नई वर्दी और आईडी, और स्टेशन की क्षमता के हिसाब से टिकट बिक्री जैसे कदम रेलवे को एक नई दिशा दे रहे हैं। यह सब मिलकर यात्रियों के लिए एक सुरक्षित, सुविधाजनक और व्यवस्थित अनुभव का वादा करता है।
यात्रा का नया अध्याय
भारतीय रेलवे अब सिर्फ गाड़ियों का परिचालन नहीं कर रही, बल्कि यात्रियों के विश्वास और आराम को प्राथमिकता दे रही है। महाकुंभ 2025 की तैयारियों से लेकर नई दिल्ली जैसे स्टेशनों के पुनर्विकास तक, यह साफ है कि रेलवे का लक्ष्य अब केवल मंजिल तक ले जाना नहीं, बल्कि उस यात्रा को यादगार और सुरक्षित बनाना है। आने वाले दिनों में यह नया चेहरा न सिर्फ यात्रियों को राहत देगा, बल्कि देश के परिवहन तंत्र को भी मजबूती देगा।