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Friday, July 18, 2025

नई दिल्ली: स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2024-25 में उत्तर प्रदेश का परचम, नोएडा और लखनऊ सम्मानित

नई दिल्ली, 18 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में शानदार प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की है। गुरुवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित ‘स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार समारोह 2024-25’ में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विभिन्न श्रेणियों में नोएडा और लखनऊ को पुरस्कार प्रदान किए। इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को बधाई दी और इसे स्वच्छ भारत मिशन के तहत जन भागीदारी और प्रशासनिक प्रतिबद्धता का परिणाम बताया।

नोएडा और लखनऊ की उपलब्धियां

स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में नोएडा ने 3 से 10 लाख आबादी वाले शहरों की श्रेणी में प्रथम स्थान हासिल किया और ‘सुपर स्वच्छ लीग’ में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। इसके अलावा, नोएडा को ‘गोल्डन सिटी अवार्ड’ में 12वां स्थान प्राप्त हुआ। दूसरी ओर, लखनऊ ने 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में तीसरा स्थान प्राप्त किया और पहली बार 7-स्टार कचरा मुक्त शहर (GFC) रेटिंग हासिल कर ‘प्रेसिडेंशियल अवार्ड’ से नवाजा गया। यह उपलब्धि लखनऊ की स्वच्छता और कचरा प्रबंधन में उल्लेखनीय प्रगति को दर्शाती है।

उत्तर प्रदेश की अन्य उपलब्धियां

समारोह में उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों ने भी अपनी छाप छोड़ी। प्रयागराज को ‘बेस्ट गंगा टाउन’ और महाकुंभ 2025 के लिए विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो सांस्कृतिक विरासत और स्वच्छता के बीच संतुलन को दर्शाता है। गोरखपुर ने ‘सफाई मित्र सुरक्षित शहर’ श्रेणी में तीसरा स्थान और 3 से 10 लाख आबादी वाले शहरों में चौथा स्थान हासिल किया। आगरा को उभरते स्वच्छ शहर के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर 10वां स्थान मिला, जबकि मुरादाबाद ने भी 3 से 10 लाख आबादी वाली श्रेणी में 10वां स्थान प्राप्त किया।

स्वच्छता: जन आंदोलन से सामाजिक संस्कार तक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के यशस्वी नेतृत्व में स्वच्छता आज एक सामाजिक संस्कार बन चुका है। ‘रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकल’ के मंत्र को आत्मसात कर उत्तर प्रदेश स्वच्छ और हरित राज्य की संकल्पना को साकार कर रहा है।” उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय स्वच्छाग्रहियों की मेहनत, समाज के सहयोग और प्रशासन की प्रतिबद्धता को दिया।

लखनऊ की मेयर सुषमा खर्कवाल ने इस सम्मान को शहर के 537,000 वोटरों, नागरिकों और सफाईकर्मियों को समर्पित करते हुए कहा, “यह उपलब्धि सांसद राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नगर विकास मंत्री एके शर्मा, नगर निगम और जल निगम के कर्मचारियों के साथ-साथ लखनऊ की जनता के सहयोग का परिणाम है।”

स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 की विशेषताएं

आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) द्वारा आयोजित इस सर्वेक्षण का नौवां संस्करण ‘रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकल’ की थीम पर आधारित था। 3,000 से अधिक मूल्यांकनकर्ताओं ने 45 दिनों तक देश के 4,500 से अधिक शहरों के प्रत्येक वार्ड का गहन निरीक्षण किया। 11 लाख से अधिक परिवारों का सर्वेक्षण और 14 करोड़ नागरिकों की भागीदारी ने इसकी समावेशिता को दर्शाया। सर्वेक्षण में 10 मापदंडों और 54 संकेतकों के आधार पर स्वच्छता और कचरा प्रबंधन का आकलन किया गया।

लखनऊ की उल्लेखनीय प्रगति

लखनऊ ने पिछले वर्ष की 44वीं रैंक से छलांग लगाकर इस बार तीसरा स्थान हासिल किया। इस प्रगति का श्रेय शिवरी कूड़ा निस्तारण प्लांट को जाता है, जिसे नगर निगम ने एक आदर्श ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र में तब्दील किया। कचरे से RDF (रिफ्यूज डिराइव्ड फ्यूल), कम्पोस्ट खाद और निर्माण मलबे से टाइल्स व गमले बनाने की प्रक्रिया ने स्वच्छता सर्वेक्षण टीम को प्रभावित किया।

नोएडा की स्वच्छता में निरंतरता

नोएडा ने पिछले वर्ष दूसरा स्थान प्राप्त किया था और इस बार प्रथम स्थान हासिल कर अपनी स्वच्छता में निरंतरता साबित की। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए इसे सामूहिक प्रयासों का परिणाम बताया।

राष्ट्रीय स्तर पर अन्य विजेता

स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में इंदौर ने लगातार आठवीं बार देश के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब जीता। सूरत और नवी मुंबई को भी ‘सुपर स्वच्छ लीग’ में सम्मानित किया गया। 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में अहमदाबाद पहले और भोपाल दूसरे स्थान पर रहे।

स्वच्छ भारत मिशन की प्रेरणा

केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने समारोह में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से स्वच्छता की अलख जगाई थी। पिछले 10 वर्षों में यह मिशन एक जन आंदोलन बन चुका है।” उन्होंने इस उपलब्धि को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को समर्पित किया।

उत्तर प्रदेश की यह उपलब्धि न केवल स्वच्छता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि सामूहिक प्रयासों से बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं।

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