नई दिल्ली, 6 जुलाई 2025: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक 4 से 6 जुलाई तक दिल्ली के केशवकुंज कार्यालय में आयोजित हुई। इस तीन दिवसीय बैठक का समापन रविवार को संघ प्रमुख (सरसंघचालक) डॉ. मोहन भागवत की अध्यक्षता में हुआ, जिसमें संगठनात्मक विस्तार, सामाजिक मुद्दों, और शताब्दी वर्ष (2025-26) की योजनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सह-सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल, सी.आर. मुकुंद, अरुण कुमार, रामदत्त, आलोक कुमार, अतुल लिमये सहित सभी अखिल भारतीय कार्य विभाग प्रमुख और 32 संघ प्रेरित संगठनों के संगठन मंत्री शामिल हुए।
धर्मांतरण पर चिंता, अनुषांगिक संगठनों को विशेष निर्देश
बैठक में पंजाब और छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण की बढ़ती घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई। संघ ने अपने अनुषांगिक संगठनों को इन क्षेत्रों में विशेष सक्रियता के साथ सामाजिक जागरूकता और सेवा कार्यों को बढ़ाने के निर्देश दिए। सूत्रों के अनुसार, धर्मांतरण के खिलाफ जमीनी स्तर पर कार्य करने और हिंदू समाज में सामाजिक समरसता को मजबूत करने की रणनीति पर जोर दिया गया।
शताब्दी वर्ष के आयोजन: 2 अक्टूबर से शुरू होगी भव्य शुरुआत
संघ के शताब्दी वर्ष (2025-26) के कार्यक्रमों की शुरुआत 2 अक्टूबर, 2025 को विजयादशमी उत्सव के साथ नागपुर में होगी। इस अवसर पर देशभर में शाखा, मंडल और बस्ती स्तर पर उत्सव आयोजित किए जाएंगे। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु में सरसंघचालक के साथ विशेष संवाद कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है। प्रांत प्रचारकों ने शताब्दी वर्ष के लिए अपनी-अपनी योजनाएं प्रस्तुत कीं, जिनमें सामाजिक समरसता, सेवा कार्य, और राष्ट्र निर्माण पर जोर दिया गया। सुनील आंबेकर, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख, ने बताया कि गृह संपर्क अभियान के तहत स्वयंसेवक घर-घर जाकर संघ साहित्य वितरित करेंगे और समाज के साथ संवाद स्थापित करेंगे।
शाखा विस्तार की योजना: ब्लॉक और तहसील स्तर तक पहुंच
बैठक में शाखाओं के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया गया। संघ ने ब्लॉक और तहसील स्तर तक शाखाएं शुरू करने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है। वर्तमान में देशभर में 63,724 दैनिक शाखाएं, 23,299 साप्ताहिक मिलन, और 9,548 मासिक मंडलियां संचालित हो रही हैं। शताब्दी वर्ष में इनकी संख्या को और बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है ताकि संघ का संदेश हर गांव और बस्ती तक पहुंचे।
युवाओं को जोड़ने पर जोर, विशेष अभियान शुरू
युवाओं को संघ से जोड़ने के लिए विशेष अभियान पर बल दिया गया। अप्रैल से जून 2025 तक ‘ज्वाइन आरएसएस’ अभियान के तहत 28,571 लोगों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया, जो युवाओं में बढ़ती रुचि को दर्शाता है। प्रशिक्षण वर्गों में भी युवाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही। शताब्दी वर्ष में युवाओं को सक्रिय रूप से शामिल करने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें जिला स्तर पर नागरिक गोष्ठियां और हिंदुत्व व राष्ट्रहित पर चर्चा शामिल है।
संघ प्रमुख और सरकार्यवाह के दिशा-निर्देश
मोहन भागवत और दत्तात्रेय होसबाले ने प्रचारकों को शताब्दी वर्ष के आयोजनों को भव्य और प्रभावी बनाने के लिए दिशा-निर्देश दिए। स्वयंसेवकों को बड़े आयोजनों की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसमें सामाजिक एकता, स्वावलंबन, और पंच परिवर्तन (सामाजिक समरसता, पर्यावरण, शिक्षा, स्वदेशी, और परिवार प्रबोधन) के एजेंडे को जन-जन तक पहुंचाने पर जोर है।
भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष पर मंथन
सूत्रों के अनुसार, बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति पर भी चर्चा हुई। वर्तमान अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, और संसद के आगामी मानसून सत्र को देखते हुए नेतृत्व परिवर्तन की प्रक्रिया को गति दी जा सकती है। संघ ने कथित तौर पर कुछ संभावित नाम सुझाए हैं, जिनमें केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मनोहर लाल खट्टर, शिवराज सिंह चौहान, और रघुबर दास शामिल हैं। हालांकि, संघ की परंपरा के अनुसार, यह संगठन सीधे राजनीतिक निर्णयों में हस्तक्षेप नहीं करता, लेकिन रणनीतिक दिशा-निर्देशन में उसकी भूमिका महत्वपूर्ण रहती है।
यह बैठक संघ के शताब्दी वर्ष की तैयारियों और संगठनात्मक विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। सामाजिक समरसता, शाखा विस्तार, और युवाओं को जोड़ने की रणनीति के साथ संघ ने राष्ट्र निर्माण के अपने संकल्प को और मजबूत करने का लक्ष्य रखा है।