नई दिल्ली, 8 अगस्त 2025: विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के शीर्ष नेताओं ने गुरुवार रात कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दिल्ली स्थित आवास पर एक महत्वपूर्ण रात्रिभोज बैठक की। इस दौरान राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा और कुछ राज्यों के विधानसभा चुनावों में कथित ‘बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी’ के सबूत पेश किए। बैठक में 25 से अधिक दलों के करीब 50 नेता शामिल हुए, जिन्होंने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली और बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर गहन चर्चा की।

राहुल का सनसनीखेज खुलासा: कर्नाटक में 1 लाख से अधिक फर्जी वोट
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक विस्तृत पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक के बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 फर्जी वोट जोड़े गए। राहुल ने कहा कि एक ही पते पर 50 से 80 मतदाताओं के नाम दर्ज थे, जिनमें से कई स्थान खाली पाए गए। इसके अलावा, 4,132 मतदाताओं की तस्वीरें या तो गायब थीं या इतनी धुंधली थीं कि पहचान असंभव थी। उन्होंने ‘फॉर्म 6’ के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया, जिसके जरिए नए मतदाताओं को जोड़ा जाता है।

राहुल ने महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव परिणामों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच 1 करोड़ नए मतदाता जोड़े गए। साथ ही, मतदान के अंतिम घंटों में असामान्य रूप से मतदान प्रतिशत बढ़ने की बात कही, जबकि मतदान केंद्रों पर भीड़ नहीं थी।

चुनाव आयोग पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आयोग ने धांधली को बढ़ावा देने और वास्तविक मतदाता भागीदारी को दबाने में भूमिका निभाई। कर्नाटक में कांग्रेस को 16 सीटें जीतने की उम्मीद थी, लेकिन पार्टी केवल 9 सीटें ही जीत सकी। बेंगलुरु सेंट्रल में भाजपा ने 32,707 वोटों के अंतर से जीत हासिल की, जिसमें महादेवपुरा में 1,14,046 वोटों की भारी बढ़त शामिल थी।

बिहार का SIR और लोकतंत्र पर खतरा
बैठक में बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर भी चिंता जताई गई। विपक्षी नेताओं ने इसे अल्पसंख्यकों और हाशिए पर पड़े समुदायों के मताधिकार को कमजोर करने की साजिश करार दिया। सीपीआई महासचिव डी. राजा ने कहा, “बिहार में जो हो रहा है, वह देश के किसी भी हिस्से में हो सकता है। यह लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है।”

11 अगस्त को EC तक मार्च
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने बताया कि राहुल गांधी की प्रस्तुति में धांधली के ठोस सबूत थे। बैठक के बाद इंडिया ब्लॉक ने 11 अगस्त को चुनाव आयोग के कार्यालय तक विरोध मार्च निकालने का फैसला किया। यह कदम कथित चुनावी अनियमितताओं के खिलाफ एकजुट विरोध का प्रतीक होगा।

कौन-कौन रहा मौजूद?
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, जयराम रमेश, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, शरद पवार (एनसीपी-एसपी), उद्धव ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी), अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव (राजद), अभिषेक बनर्जी (टीएमसी), महबूबा मुफ्ती (पीडीपी), कमल हासन (एमएनएम), तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सहित कई अन्य नेता शामिल थे।

यह बैठक विपक्षी गठबंधन के लिए एक रणनीतिक मंच साबित हुई, जिसने चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए एकजुट होकर कार्रवाई करने का संकल्प लिया।