रायपुर, 19 मई 2025, सोमवार। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले का जगरगुंडा, जो कभी नक्सल हिंसा की आग में झुलसता था, आज विकास की रोशनी से जगमगा रहा है। रविवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने वर्चुअल माध्यम से जगरगुंडा में इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखा का शुभारंभ किया, जो इस क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक क्षण है। यह शाखा आसपास के 12 गांवों के करीब 14 हजार ग्रामीणों के लिए बैंकिंग सुविधाओं का नया द्वार खोलेगी।
नक्सलवाद पर विकास की जीत
मुख्यमंत्री साय ने इसे नक्सलवाद पर लोकतंत्र और विकास की विजय बताया। उन्होंने कहा, “डबल इंजन की सरकार बस्तर को फिर से जीवंत कर रही है। हम हर गांव तक परिवर्तन की लहर पहुंचा रहे हैं।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के तहत हर ग्राम पंचायत में बैंकिंग सुविधा पहुंचाने का अभियान तेजी से चल रहा है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय पंचायत दिवस पर 1460 ग्राम पंचायतों में अटल पंचायत डिजिटल सेवा केंद्र शुरू किए गए, जो ग्रामीणों को डिजिटल बैंकिंग से जोड़ रहे हैं।
वह भवन, जहां कभी नक्सलियों ने की थी लूट की कोशिश
वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने इस अवसर पर पुरानी यादें ताजा कीं। उन्होंने बताया कि जब वे दंतेवाड़ा में कलेक्टर थे, तब जगरगुंडा घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र था। वर्ष 2001 में इसी भवन में ग्रामीण बैंक की शाखा थी, जहां नक्सलियों ने लूट की कोशिश की थी। आज उसी भवन में इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखा खुली है। चौधरी ने खुद स्थानीय ग्रामीणों के साथ खाता खोलकर इस पहल को जनभागीदारी का प्रतीक बनाया।
ग्रामीणों के लिए नई उम्मीद
यह बैंक शाखा ग्रामीणों के लिए तेंदूपत्ता बोनस, किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं की राशि गांव में ही उपलब्ध कराएगी। अब लोगों को बैंकिंग सेवाओं के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा, विकास और विश्वास की रणनीति, सुरक्षा बलों के अभियान और केंद्र-राज्य सरकार के संकल्प से बस्तर नक्सल समस्या से उबरकर विकास की मुख्यधारा में शामिल हो रहा है।
जगरगुंडा की नई पहचान
जगरगुंडा का यह कदम न केवल बैंकिंग सुविधा तक सीमित है, बल्कि यह क्षेत्र की नई पहचान और उम्मीद की कहानी है। जहां कभी डर का साया था, वहां आज विकास की रोशनी चमक रही है। यह शाखा न सिर्फ आर्थिक समृद्धि लाएगी, बल्कि ग्रामीणों के सपनों को भी नया आसमान देगी।