वाराणसी, 8 मई 2025, गुरुवार। काशी की पावन धरती पर एक नया अध्याय शुरू हुआ है। 2010 बैच के तेज-तर्रार IPS अधिकारी वैभव कृष्णा ने बुधवार देर रात वाराणसी रेंज के डीआईजी के रूप में कमान संभाली। चार्ज लेने से पहले उन्होंने बाबा काशी विश्वनाथ का दर्शन कर आशीर्वाद लिया और काल भैरव की आरती उतारी। यह नजारा न केवल उनकी आध्यात्मिक आस्था को दर्शाता है, बल्कि काशी की सांस्कृतिक विरासत के प्रति उनके सम्मान को भी उजागर करता है।
पुलिस महकमे में हाल के फेरबदल के बाद वैभव कृष्णा को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। पूर्व आईजी मोहित गुप्ता ने उन्हें चार्ज सौंपा और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। दोनों अधिकारियों के बीच लंबी बातचीत भी हुई, जिसमें अनुभव और जिम्मेदारियों का आदान-प्रदान हुआ। चार्ज देने के बाद मोहित गुप्ता लखनऊ रवाना हो गए, जहां उन्हें यूपी शासन में सचिव (गृह) के रूप में नई भूमिका मिली है।
कौन हैं वैभव कृष्णा?
बागपत के मूल निवासी वैभव कृष्णा का पुलिस सेवा में शानदार रिकॉर्ड रहा है। हाल ही में महाकुंभ में डीआईजी मेला की जिम्मेदारी निभाने के बाद वह वेटिंग में थे। वाराणसी रेंज में यह उनकी दूसरी तैनाती है; इससे पहले वह आजमगढ़ रेंज के डीआईजी रह चुके हैं। करियर के शुरुआती दौर में गाजीपुर में उनकी तैनाती रही, जिससे इस क्षेत्र की चुनौतियों से वह भली-भांति वाकिफ हैं।
सामने हैं कठिन चुनौतियां
वाराणसी परिक्षेत्र में वैभव कृष्णा के कंधों पर गाजीपुर, चंदौली और जौनपुर जैसे तीन जिलों की कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी है। इन जिलों में कई चुनौतियां उनका इंतजार कर रही हैं:
मुख्तार अंसारी के नेटवर्क पर नकेल: गाजीपुर और चंदौली में माफिया मुख्तार अंसारी के गुर्गों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, मुकदमों में प्रभावी पैरवी, गवाहों की सुरक्षा और चार्जशीट दाखिल करना उनकी प्राथमिकता होगी। पूर्वांचल के इस माफिया नेटवर्क को ध्वस्त करना आसान नहीं होगा।
जौनपुर में रंजिशन हिंसा पर अंकुश: जौनपुर में रंजिश और राजनीतिक विद्वेष से जुड़ी हत्याओं और अपराधों को रोकना भी एक बड़ी चुनौती है।
चंदौली में नक्सल गतिविधियों पर नजर: चंदौली के नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सली गतिविधियों को पनपने से रोकना और स्थानीय स्तर पर शांति बनाए रखना जरूरी होगा।
सीमा पार तस्करी पर रोक: बिहार सीमा से सटे क्षेत्रों में शराब और पशु तस्करी जैसी गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
काशी की कमान, शासन की कसौटी
वैभव कृष्णा के लिए यह तैनाती न केवल एक नई जिम्मेदारी है, बल्कि शासन की कसौटी पर खुद को साबित करने का अवसर भी है। उनकी पिछली उपलब्धियां, खासकर महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में उनकी कुशलता, उनकी कार्यक्षमता का प्रमाण हैं। अब काशी की इस पवित्र धरती पर वह अपराध और चुनौतियों से कैसे निपटते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।
वैभव कृष्णा का यह नया सफर न सिर्फ वाराणसी रेंज के लिए, बल्कि पूरे पूर्वांचल के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है।