वाराणसी, 11 अप्रैल 2025, शुक्रवार। शुक्रवार को वाराणसी की पावन धरती पर विकास का एक नया अध्याय लिखा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3,880 करोड़ रुपये से अधिक की 44 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। काशी की गलियों से लेकर गंगा के घाटों तक, हर ओर उत्साह और उमंग का माहौल था। पीएम मोदी बाबतपुर एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर से मेहंदीगंज सभास्थल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने तीन बुजुर्गों को आयुष्मान कार्ड प्रदान किए। इसके अलावा 21 उत्पादों को जीआई टैग दिया गया। पीएम ने इस दौरान जनसभा को संबोधित किया। जनसभा में भोजपुरी की मिठास के साथ अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “काशी हमार हौ, हम काशी के हईं।” यह एक वाक्य नहीं, बल्कि काशी के प्रति उनके गहरे लगाव और समर्पण का प्रतीक था।

काशी: पुरातन और प्रगतिशील का संगम
प्रधानमंत्री ने पिछले एक दशक में काशी के कायाकल्प को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “आज काशी सिर्फ पुरातन नहीं, मेरी काशी प्रगतिशील भी है।” कनेक्टिविटी, नल से जल, शिक्षा, खेल और आर्थिक विकास की परियोजनाओं ने काशी को पूर्वांचल के आर्थिक नक्शे का केंद्र बना दिया है। यह वही काशी है, जिसे महादेव संभालते हैं और जो अब विकास के रथ को तेजी से आगे बढ़ा रही है। सड़कों का जाल, स्कूलों की चमक, खेल के मैदानों की रौनक और हर घर में पानी की धारा—ये सब काशी की नई पहचान बन रहे हैं।

बनास डेयरी: सपनों को उड़ान, बहनों को सम्मान
बनास डेयरी का जिक्र करते हुए पीएम ने पूर्वांचल की उन मेहनती बहनों को सलाम किया, जिन्होंने मेहनत और विश्वास से इतिहास रच दिया। बनास डेयरी ने न केवल काशी के हजारों परिवारों की तकदीर बदली, बल्कि महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनने का गौरव भी दिया। डेयरी से जुड़े किसानों को बोनस और गीर गायों का वितरण इस बात का सबूत है कि मेहनत का फल कितना मीठा हो सकता है। आज यह डेयरी पूर्वांचल के एक लाख किसानों से दूध इकट्ठा कर रही है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहा है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा दूग्ध उत्पादक देश है। पिछले दस सालों में दूध उत्पादन दोगुना से भी ज्यादा बढ़ा है। इसके पीछे सरकार की नीतियां और किसानों की मेहनत है। मुफ्त वैक्सीन, राष्ट्रीय गोकुल मिशन और 20 हजार से ज्यादा सहकारी समितियों का पुनर्गठन जैसे कदमों ने पशुपालकों की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाया है।
ज्योतिबा फुले का सम्मान, सबका साथ-सबका विकास
ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें याद करते हुए पीएम ने कहा कि उनकी प्रेरणा से सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को साकार कर रही है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग सत्ता के लिए सिर्फ ‘परिवार का साथ, परिवार का विकास’ की बात करते हैं, लेकिन हमारा लक्ष्य हर परिवार की तरक्की है।

आयुष्मान योजना: इलाज की चिंता खत्म
आयुष्मान भारत योजना का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि अब इलाज के लिए जमीन बेचने या कर्ज लेने की मजबूरी नहीं रही। यह योजना लाखों लोगों के लिए संजीवनी बनी है। उन्होंने कहा, “तीसरी बार आपने मुझे सेवा का मौका दिया, और मैंने सेवक की तरह आपकी सेवा करने की कोशिश की।”
यूपी की नई पहचान
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश की बदलती तस्वीर पर भी प्रकाश डाला। ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना के तहत यूपी के हर जिले की विशेषता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा रहा है। वाराणसी की बनारसी साड़ी से लेकर गोरखपुर के टेराकोटा तक, हर उत्पाद अब गर्व का प्रतीक बन रहा है।

एक मंच, एक संदेश
इस ऐतिहासिक अवसर पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक और कई अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे। यह मंच न केवल विकास का उत्सव था, बल्कि काशी और पूर्वांचल के उज्ज्वल भविष्य का वादा भी था।
काशी की नई उड़ान
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा सिर्फ परियोजनाओं का लोकार्पण नहीं थी, बल्कि काशी के लोगों के सपनों को पंख देने का एक प्रयास थी। यह काशी, जो आस्था और आधुनिकता का संगम है, अब विकास की नई गाथा लिख रही है। जैसा कि पीएम ने कहा, “जिस काशी को महादेव चलाते हैं, वही काशी आज विकास के रथ को खींच रही है।” यह नई काशी, नया भारत का प्रतीक है—जो न केवल अपनी विरासत पर गर्व करता है, बल्कि भविष्य की ओर आत्मविश्वास से बढ़ रहा है।