देहरादून, 27 मार्च 2025, गुरुवार: गुरुवार का दिन उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक सुनहरा दिन साबित हुआ, जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजकीय दून मेडिकल कॉलेज, पटेलनगर में प्रदेश भर के मेडिकल कॉलेजों के लिए 1232 नवनियुक्त नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपे। इस मौके पर उन्होंने 26 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित दून मेडिकल कॉलेज के आधुनिक सभागार का लोकार्पण भी किया, जो राज्य में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम करने जा रहा है।

नर्सिंग अधिकारियों को सीएम की शुभकामनाएं: “आप हैं स्वास्थ्य सेवाओं की नई ताकत”
मुख्यमंत्री धामी ने नवनियुक्त नर्सिंग अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि उनकी नियुक्ति से सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मरीजों को त्वरित और बेहतर चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी। उन्होंने कोविड-19 महामारी के कठिन दौर को याद करते हुए नर्सिंग स्टाफ और स्वास्थ्यकर्मियों की निःस्वार्थ सेवा को सराहा। “जब पूरा विश्व संकट से जूझ रहा था, तब हमारे स्वास्थ्यकर्मी फ्रंटलाइन वॉरियर्स बनकर दिन-रात मरीजों की जान बचाने में जुटे थे। अपनी जान की परवाह किए बिना उन्होंने जो समर्पण दिखाया, वह अविस्मरणीय है,” सीएम ने भावुक स्वर में कहा। उन्होंने उम्मीद जताई कि ये नए नर्सिंग अधिकारी भी पूर्ण निष्ठा, समर्पण और मानवीय मूल्यों के साथ कार्य करेंगे, जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं नई ऊंचाइयों को छू सकें।

आयुष्मान योजना से लेकर हेली एंबुलेंस तक: स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आयुष्मान योजना के तहत अब तक 11 लाख से अधिक मरीजों को 2100 करोड़ रुपये से ज्यादा का कैशलेस इलाज मिल चुका है। इसके अलावा, हर जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है, ताकि सुदूर क्षेत्रों के लोग अपने जिले में ही आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा सकें। आपात स्थिति में जीवन रक्षक साबित हो रही हेली एंबुलेंस सेवा भी राज्य के हर कोने तक पहुंच रही है।
सीएम ने यह भी बताया कि सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं। इसी कड़ी में अब तक 173 असिस्टेंट प्रोफेसर, 56 संकाय सदस्य और 185 तकनीशियन नियुक्त किए गए हैं। “पिछले तीन साल में 22 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है, जो हमारी प्रतिबद्धता का सबूत है,” उन्होंने गर्व से कहा।

स्वास्थ्य मंत्री का वादा: घर-घर तक पहुंचेगा बेहतर इलाज
चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि हर व्यक्ति को उनके घर पर ही किफायती और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिले। पिथौरागढ़ और रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज जल्द शुरू होने की तैयारी में हैं, जिससे न केवल चिकित्सा सेवाएं मजबूत होंगी, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। उन्होंने मेडिकल कॉलेजों के सुचारु संचालन के लिए सुव्यवस्थित ट्रांसफर पॉलिसी, फैकल्टी को समय पर प्रोन्नति और संविदा कर्मियों के मानदेय में संशोधन जैसे कदमों का जिक्र किया। साथ ही, संविदा पर कार्यरत नर्सिंग स्टाफ को समायोजित करने की योजना पर भी जोर दिया।

चिकित्सा शिक्षा को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता
सचिव चिकित्सा डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा कि विभाग का संकल्प है कि चिकित्सा के साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा को भी मजबूत किया जाए। इसके लिए चिकित्सकों से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मियों तक की भर्ती समय-समय पर की जा रही है। “हमारा प्रयास है कि विभाग के इन्फ्रास्ट्रक्चर का पूरा उपयोग हो। जहां मानव संसाधन हैं, वहां भौतिक संसाधन पहुंचाए जा रहे हैं और जहां कमी है, वहां नियुक्तियां की जा रही हैं,” उन्होंने कहा।

एक नई शुरुआत का गवाह बना यह आयोजन
इस ऐतिहासिक अवसर पर विधायक खजान दास, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज डॉ. गीता जैन और प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य मौजूद रहे। यह आयोजन न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में एक नई शुरुआत का प्रतीक बना, बल्कि उत्तराखंड के युवाओं के लिए रोजगार और बेहतर भविष्य की उम्मीद भी जगाया।
उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था अब एक नए युग में प्रवेश कर रही है, जहां हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण इलाज और हर युवा को अवसर मिलने का सपना साकार हो रहा है।