नई दिल्ली, 31 मार्च 2025, सोमवार। 1 अप्रैल 2025 यानी कल से भारत का नया बजट लागू होने जा रहा है। 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो घोषणाएं की थीं, वे अब हकीकत में बदलने वाली हैं। इस बजट का असर आपकी जेब से लेकर रोजमर्रा की चीजों तक पर पड़ेगा। कुछ राहत देने वाला होगा, तो कुछ नई चुनौतियां भी लाएगा। आइए, इन 6 बड़े बदलावों को आसान भाषा में समझते हैं और जानते हैं कि ये आपके लिए क्या मायने रखते हैं।
1. टैक्स में बड़ी राहत: 12 लाख तक की कमाई टैक्स-फ्री
क्या हुआ? न्यू टैक्स रिजीम में अब 12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। अगर आप नौकरीपेशा हैं, तो 75,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह सीमा 12.75 लाख तक पहुंच जाएगी। साथ ही, 20-24 लाख की आय के लिए 25% टैक्स का नया स्लैब जोड़ा गया है।
असर: पहले 15 लाख से ऊपर की कमाई पर 30% टैक्स लगता था, लेकिन अब यह दर 24 लाख से ऊपर लागू होगी। मिडिल और अपर-मिडिल क्लास को इससे बड़ी राहत मिलेगी। मिसाल के तौर पर, अगर आपकी सालाना कमाई 20 लाख है, तो पहले आपको 4.87 लाख टैक्स देना पड़ता था, अब यह घटकर करीब 4.37 लाख रह जाएगा। यानी, 50,000 रुपये की बचत सीधे जेब में!
2. TDS की नई लिमिट: किराए और ब्याज पर राहत
क्या हुआ? किराए से होने वाली आय पर TDS की सीमा 2.4 लाख से बढ़कर 6 लाख हो गई है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैंक FD से ब्याज पर TDS छूट 50,000 से 1 लाख तक पहुंच गई। प्रोफेशनल सर्विसेज की TDS लिमिट भी 30,000 से 50,000 हुई।
असर: अगर आप किराए से 5 लाख सालाना कमाते हैं, तो पहले 24,000 रुपये TDS कटता था, अब यह शून्य होगा। वरिष्ठ नागरिकों को भी ब्याज से होने वाली आय पर ज्यादा राहत मिलेगी। कुल मिलाकर, आपकी जेब में हर महीने ज्यादा पैसा बचेगा।
3. विदेशी पढ़ाई सस्ती: TCS लिमिट 10 लाख तक
क्या हुआ? विदेश में पढ़ाई के लिए पैसे भेजने की TCS सीमा 7 लाख से बढ़कर 10 लाख हो गई। बैंक से लोन लेकर भेजे गए पैसे पर अब TCS नहीं लगेगा।
असर: पहले 8 लाख भेजने पर 5% TCS (40,000 रुपये) देना पड़ता था, जो रिफंड के लिए क्लेम करना होता था। अब 10 लाख तक कोई टैक्स नहीं, यानी पैसा सीधे विदेश पहुंचेगा। स्टूडेंट्स और उनके परिवारों के लिए यह बड़ी राहत है।
4. टैक्स रिटर्न सुधारने का मौका: 4 साल तक का समय
क्या हुआ? अब टैक्सपेयर्स को गलत रिटर्न सुधारने के लिए 24 की जगह 48 महीने मिलेंगे। लेकिन 24-36 महीने में 60% और 36-48 महीने में 70% अतिरिक्त टैक्स देना होगा।
असर: मान लीजिए, आपने 2025-26 का रिटर्न गलत भरा। पहले 2028 तक सुधार का मौका था, अब 2030 तक समय मिलेगा। इससे ईमानदारी से टैक्स भरने वालों को फायदा होगा, और गलतियां ठीक करना आसान हो जाएगा।
5. यूलिप पर नया टैक्स: शेयर बाजार से कमाई अब टैक्सेबल
क्या हुआ? अगर यूलिप (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान) का सालाना प्रीमियम 2.5 लाख से ज्यादा है, तो इसे कैपिटल एसेट माना जाएगा। इससे होने वाली कमाई पर 12 महीने से ज्यादा रखने पर 12.5% LTCG और कम समय के लिए 20% STCG टैक्स लगेगा।
असर: पहले यूलिप से होने वाली कमाई पूरी तरह टैक्स-फ्री थी। अब अगर आप 3 लाख का प्रीमियम भरते हैं और 5 साल बाद 4 लाख का फायदा होता है, तो 50,000 रुपये का टैक्स देना पड़ सकता है। हाई-इनकम वाले निवेशकों के लिए यह झटका है, क्योंकि सरकार इसे शेयर बाजार निवेश की तरह देख रही है।
6. सस्ता-महंगा: 150-200 प्रोडक्ट्स पर कस्टम ड्यूटी का खेल
क्या हुआ? बजट में कस्टम ड्यूटी घटाई-बढ़ाई गई, जिससे कई चीजों की कीमतें बदलेंगी।
सस्ता: लग्जरी कारें (40,000 डॉलर से ऊपर), 36 लाइफ-सेविंग दवाएं, EV बैटरी और मोबाइल बैटरी प्रोडक्शन के उपकरण।
महंगा: स्मार्ट मीटर, सोलर सेल, आयातित जूते, मोमबत्तियां, नौकाएं, पीवीसी फ्लेक्स फिल्म्स, और एलसीडी/एलईडी टीवी।
असर: कैंसर की दवाएं सस्ती होने से इलाज का खर्च कम होगा। मोबाइल और EV सस्ते हो सकते हैं, लेकिन स्मार्ट टीवी और आयातित जूते खरीदने वालों की जेब पर बोझ बढ़ेगा।
क्या है निचोड़?
नया बजट मध्यम वर्ग, स्टूडेंट्स और मरीजों के लिए राहत लेकर आया है, लेकिन यूलिप निवेशकों और कुछ आयातित सामानों के शौकीनों के लिए चुनौती भी है। 12 लाख तक टैक्स-फ्री कमाई और TDS/TCS में छूट से जेब में ज्यादा पैसा बचेगा, वहीं कस्टम ड्यूटी के बदलाव रोजमर्रा की चीजों पर असर डालेंगे। तो, कल से अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग को नए सिरे से देखें, क्योंकि बजट आपके लिए ढेर सारे मौके और कुछ सबक लेकर आ रहा है!