काठमांडू, 13 सितंबर 2025: नेपाल ने इतिहास रचते हुए पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई। शुक्रवार रात राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने 73 वर्षीय कार्की को अंतरिम सरकार के नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपी। यह कदम नेपाल में लंबे समय से चली आ रही राजनीतिक अस्थिरता को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
राजनीतिक संकट का अंत
पिछले मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को भ्रष्टाचार के आरोपों और सोशल मीडिया पर प्रतिबंधों के खिलाफ युवाओं के हिंसक प्रदर्शनों के चलते पद छोड़ना पड़ा था। इस उथल-पुथल के बाद सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का नेतृत्व सौंपा गया। राष्ट्रपति पौडेल ने नई सरकार को छह महीने के भीतर संसदीय चुनाव कराने का निर्देश दिया है।
पीएम मोदी का संदेश
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुशीला कार्की को बधाई देते हुए नेपाल के साथ मजबूत रिश्तों पर जोर दिया। अपने एक्स हैंडल पर उन्होंने लिखा, “माननीय सुशीला कार्की को नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बनने पर हार्दिक शुभकामनाएं। भारत नेपाल के लोगों की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
शपथ समारोह में गणमान्य हस्तियां
काठमांडू में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में नेपाल के मुख्य न्यायाधीश, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, सुरक्षा प्रमुख और राजनयिक समुदाय के सदस्य शामिल हुए। यह समारोह नेपाल में नई उम्मीदों का प्रतीक बना।
कौन हैं सुशीला कार्की?
सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं। भ्रष्टाचार और आतंकवाद के खिलाफ अपने कठोर रुख के लिए जानी जाने वाली कार्की ने नई पीढ़ी के बीच खास जगह बनाई है। उन्होंने बिराटनगर के महेंद्र मोरंग कॉलेज से बीए और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए किया। इसके बाद त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की। 1979 में बिराटनगर से वकालत शुरू करने वाली कार्की एक प्रख्यात लेखिका भी हैं।
नेपाल में नई सरकार के गठन के साथ ही देश में स्थिरता और विकास की उम्मीदें बढ़ गई हैं। अंतरिम सरकार के सामने चुनाव कराने और जनता का भरोसा जीतने की बड़ी चुनौती होगी।