संभल, 24 जून 2025: उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चर्चित सिटी सीओ अनुज चौधरी एक बार फिर अपने अनोखे फरमान को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने मोहर्रम और कांवड़ यात्रा को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक चर्चा का विषय बन गया है। सीओ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि न तो मोहर्रम के ताजिए के लिए पेड़ काटे जाएंगे, न ही बिजली की तारें हटाई जाएंगी। साथ ही, कांवड़ यात्रा में डीजे की आवाज भी तय मानकों के अनुसार ही होगी।
क्या है नया फरमान?
चंदौसी कोतवाली में आयोजित शांति समिति की बैठक में मोहर्रम, कांवड़ यात्रा और गणेश चतुर्थी जैसे त्योहारों को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान सीओ अनुज चौधरी ने एक नई गाइडलाइन जारी की। फरमान के मुताबिक, मोहर्रम के जुलूस में ताजिए की ऊंचाई 10 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि पेड़ों को काटने या बिजली की लाइनों को बाधित करने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा, कांवड़ यात्रा में डीजे की ध्वनि भी निर्धारित सीमा में रखने का आदेश दिया गया है। नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
‘नया ताजिया, नया व्यक्ति नहीं’
सीओ के फरमान में एक और अहम निर्देश ने सबका ध्यान खींचा है। उन्होंने कहा कि केवल वही व्यक्ति ताजिया निकाल सकता है, जो पहले से ऐसा करता आ रहा है। यदि कोई पुराना ताजिया निकालने वाला व्यक्ति किसी कारणवश जुलूस में हिस्सा नहीं ले पाता, तो उसकी जगह कोई नया व्यक्ति ताजिया नहीं निकाल सकेगा। इस निर्देश ने स्थानीय लोगों में खलबली मचा दी है।
प्रशासन की तैयारियां
बैठक में मौजूद एसडीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने मोहर्रम के जुलूस के रास्तों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने लोगों से उनकी समस्याएं सुनीं और आश्वासन दिया कि जुलूस के दौरान किसी को असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है।
सीओ अनुज चौधरी का बयान
अपने बयानों को लेकर अक्सर विवादों में रहने वाले सीओ अनुज चौधरी ने कहा, “मेरा मकसद न तो प्रचार है और न ही विवाद खड़ा करना। यह फरमान कानून-व्यवस्था बनाए रखने और शांति सुनिश्चित करने के लिए जारी किया गया है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका वायरल वीडियो धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा और शांति के लिए दिशा-निर्देश देने के उद्देश्य से था, न कि किसी राजनीतिक या सामाजिक एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए।
लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
सीओ के इस फरमान पर सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली हैं। कुछ लोग इसे शांति और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सकारात्मक कदम बता रहे हैं, तो कुछ इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर अंकुश मान रहे हैं। बहरहाल, संभल में इस बार मोहर्रम और कांवड़ यात्रा के आयोजन पर प्रशासन की कड़ी नजर रहेगी।