नई दिल्ली, 17 मई 2025, शनिवार। भारत के सुनहरे भालाफेंक सितारे नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर इतिहास रच दिया! दोहा डायमंड लीग 2025 में नीरज ने 90.23 मीटर का शानदार थ्रो फेंककर न केवल अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा, बल्कि 90 मीटर की उस दीवार को भी ढहा दिया, जिसका इंतज़ार उनके प्रशंसक बेसब्री से कर रहे थे। हालांकि, जर्मनी के जूलियन वेबर ने आखिरी क्षणों में 91.06 मीटर का थ्रो फेंककर बाजी मार ली, और नीरज को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। फिर भी, यह उपलब्धि भारत के लिए गर्व का पल थी, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खुलकर सराहा।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा, “शानदार उपलब्धि! नीरज चोपड़ा को दोहा डायमंड लीग में 90 मीटर का आंकड़ा पार करने और नया व्यक्तिगत रिकॉर्ड बनाने के लिए हार्दिक बधाई। यह उनके समर्पण, अनुशासन और जुनून का परिणाम है। भारत उत्साहित और गौरवान्वित है!” यह संदेश नीरज के लिए न केवल प्रेरणा है, बल्कि देश के युवाओं के लिए भी एक मिसाल है।
दोहा में नीरज का जलवा
दोहा के मैदान में नीरज शुरू से ही शानदार फॉर्म में दिखे। पहले राउंड में 88.44 मीटर के थ्रो के साथ उन्होंने बढ़त बनाई, लेकिन दूसरा थ्रो फाउल रहा। फिर तीसरे प्रयास में वह जादुई पल आया, जब भाला 90.23 मीटर दूर जाकर गिरा। यह नीरज का अब तक का सर्वश्रेष्ठ थ्रो था और दुनिया में 90 मीटर पार करने वाले 25वें खिलाड़ी बनने का गौरव भी उन्हें मिला। एशिया में उनसे पहले केवल पाकिस्तान के अरशद नदीम (92.97 मीटर) और चीनी ताइपे के चाओ सुन चेंग (91.36 मीटर) ही यह कारनामा कर चुके हैं।
हालांकि, जूलियन वेबर ने अपने आखिरी थ्रो में बाजी पलट दी और पहली बार 90 मीटर का आंकड़ा पार करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। तीसरे स्थान पर ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स रहे, जिन्होंने 84.65 मीटर का थ्रो फेंका। भारत के किशोर जेना 78.60 मीटर के साथ आठवें स्थान पर रहे।
“खट्टा-मीठा अनुभव, लेकिन अभी और आगे जाना है”
मैच के बाद नीरज ने अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा, “90 मीटर की बाधा पार करके मैं बहुत खुश हूं, लेकिन यह खट्टा-मीठा अनुभव रहा। मेरे कोच जान जेलेंजी ने कहा था कि आज मैं यह कर सकता हूं। हवा और गर्म मौसम ने भी मदद की। मैंने जूलियन से भी कहा था कि हम दोनों 90 मीटर पार कर सकते हैं, और मैं उनके लिए भी खुश हूं।” नीरज ने भविष्य की योजनाओं पर भी प्रकाश डाला, “हम कुछ तकनीकी पहलुओं पर काम करेंगे और इस सीज़न में फिर 90 मीटर पार करेंगे। मेरा मानना है कि मैं इससे भी आगे जा सकता हूं।”
नीरज का स्वर्णिम सफर
27 वर्षीय नीरज चोपड़ा का सफर प्रेरणादायक है। टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण और पेरिस ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले नीरज ने भालाफेंक को भारत में एक नया मुकाम दिया है। दोहा डायमंड लीग में उनकी यह उपलब्धि उनके अनुशासन और मेहनत का प्रमाण है। 2018 में 87.43 मीटर के साथ चौथे स्थान से लेकर 2023 में 88.67 मीटर के साथ स्वर्ण और अब 90.23 मीटर के साथ रजत—नीरज का ग्राफ लगातार ऊपर चढ़ रहा है।
उनके कोच जान जेलेंजी, जो खुद 90 मीटर से अधिक थ्रो फेंकने वाले दिग्गजों में शुमार हैं, नीरज की इस उपलब्धि में अहम भूमिका निभा रहे हैं। नीरज का यह थ्रो न केवल उनके लिए, बल्कि भारतीय खेलों के लिए भी एक मील का पत्थर है।
देश का गौरव, भविष्य की उम्मीद
नीरज चोपड़ा का यह प्रदर्शन भारतीय खेल इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया है। 90 मीटर की बाधा पार करना न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि यह उस जुनून और आत्मविश्वास का प्रतीक है, जो नीरज को सबसे अलग बनाता है। जैसा कि उन्होंने कहा, यह तो बस शुरुआत है। आने वाले टूर्नामेंटों में नीरज से और बड़े कारनामों की उम्मीद है, और पूरा देश उनके साथ खड़ा है।
नीरज चोपड़ा—नाम ही काफी है!