वाराणसी, 11 जुलाई 2025: सावन महोत्सव के पहले दिन काशी के पवित्र गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच एक बड़ा हादसा टल गया। 11वीं वाहिनी, एनडीआरएफ की त्वरित कार्रवाई और साहस ने संत रविदास घाट पर 45 वर्षीय प्रकाश की जान बचा ली, जो गंगा की तेज धारा में बहकर डूब रहा था।
सुंदरपुर, वाराणसी निवासी प्रकाश शुक्रवार सुबह घाट पर स्नान कर रहे थे, तभी तेज बहाव में फंस गए। स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए उप महानिरीक्षक श्री मनोज कुमार शर्मा के नेतृत्व में तैनात एनडीआरएफ की वॉटर पेट्रोलिंग टीम ने तुरंत मोटरबोट के जरिए बचाव अभियान शुरू किया। कुछ ही मिनटों में बचावकर्मियों ने प्रकाश को सुरक्षित नदी से बाहर निकाला और घाट पर प्राथमिक उपचार देकर उनकी जान बचाई।
यह घटना न केवल एनडीआरएफ की सतर्कता और प्रशिक्षण का प्रमाण है, बल्कि उनकी मानवता और कर्तव्यनिष्ठा का भी जीवंत उदाहरण है। मौके पर मौजूद श्रद्धालुओं ने एनडीआरएफ जवानों की बहादुरी और तत्परता की जमकर सराहना की। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “यह दृश्य देखकर गर्व हुआ। एनडीआरएफ की टीम ने न सिर्फ एक जान बचाई, बल्कि हम सभी के लिए प्रेरणा दी।”
11वीं वाहिनी, एनडीआरएफ की टीमें सावन के पवित्र महीने में गंगा घाटों पर चौबीसों घंटे मुस्तैद हैं। ये जवान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, ताकि काशी आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि एनडीआरएफ न केवल आपदा प्रबंधन में अग्रणी है, बल्कि हर पल मानवता की सेवा के लिए तत्पर है।