नई दिल्ली, 15 अगस्त 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देशवासियों को नक्सलवाद के खिलाफ मिली बड़ी सफलता का जिक्र करते हुए एक नए खतरे की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि घुसपैठिए देश की जनसांख्यिकी (डेमोग्राफी) को बदलने की साजिश रच रहे हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक तनाव का खतरा पैदा हो रहा है। इस चुनौती से निपटने के लिए पीएम ने ‘हाई पावर डेमोग्राफी मिशन’ शुरू करने की घोषणा की।
भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में नक्सलवाद और माओवाद का दंश दशकों से झेल रहे आदिवासी समाज को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। माताओं-बहनों ने अपने होनहार बच्चों को खोया, नौजवानों को भटकाया गया और उनके जीवन को तबाह किया गया। उन्होंने बताया कि जहां कभी 125 से अधिक जिले नक्सलवाद की चपेट में थे, आज यह संख्या घटकर 20 पर आ गई है। बस्तर जैसे क्षेत्र, जो कभी बम-बंदूक की गूंज से थर्राते थे, अब नौजवानों के ‘भारत माता की जय’ के नारे और ओलंपिक जैसे मंचों पर उनकी उपलब्धियों के लिए जाने जाते हैं।
घुसपैठियों पर सख्त चेतावनी
पीएम मोदी ने देशवासियों को एक नए संकट से आगाह करते हुए कहा कि घुसपैठिए न केवल नौजवानों की रोजी-रोटी छीन रहे हैं, बल्कि बहन-बेटियों को निशाना बना रहे हैं और भोले-भाले आदिवासियों की जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसांख्यिकी परिवर्तन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है और सामाजिक तनाव को जन्म देता है। कोई भी देश घुसपैठियों के हवाले नहीं हो सकता, भारत भी नहीं।”
हाई पावर डेमोग्राफी मिशन की शुरुआत
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले पूर्वजों को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए घुसपैठ की समस्या पर कड़ा कदम उठाया जाएगा। इसके तहत ‘हाई पावर डेमोग्राफी मिशन’ शुरू किया जाएगा, जो देश की जनसांख्यिकी को बदलने की साजिशों को नाकाम करने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने पर केंद्रित होगा।
पीएम ने जोर देकर कहा कि यह मिशन न केवल घुसपैठ को रोकेगा, बल्कि आदिवासी समाज और देश के अन्य वर्गों के हितों की रक्षा भी सुनिश्चित करेगा।