नई दिल्ली, 23 अगस्त 2025: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ के अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के एक वर्चुअल कार्यक्रम में कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान ने कृषि क्षेत्र में चमत्कारिक बदलाव लाए हैं। उन्होंने चंद्रयान मिशन की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग को गर्व का विषय बताते हुए भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को बधाई दी।
चौहान ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान के योगदान से देश में रिकॉर्ड कृषि उत्पादन हुआ है। इसरो के ‘जियो पोर्टल’ के जरिए किसानों को मौसम, मिट्टी की नमी और फसल स्वास्थ्य की सटीक जानकारी मिल रही है, जिससे वे खेती की बेहतर योजना बना रहे हैं। रिमोट सेंसिंग तकनीक ने फसल नुकसान का सटीक अनुमान और ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के तहत मुआवजे को पारदर्शी बनाया है।
केंद्रीय मंत्री ने वैज्ञानिकों को “आधुनिक महर्षि” करार देते हुए कहा कि भारत की विज्ञान परंपरा प्राचीन है। “हमने दुनिया को नहीं सिखा, बल्कि मार्ग दिखाया है।” उन्होंने ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का जिक्र करते हुए कहा कि किसानों की मांगों, जैसे नकली खाद और कीटनाशकों की पहचान के लिए उपकरण विकसित करने की जरूरत है।
चौहान ने गन्ने, कपास में वायरस और दलहन-तिलहन की उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने वैज्ञानिकों से ‘एक राष्ट्र, एक टीम, एक लक्ष्य’ के ध्येय के साथ शोध करने और किसानों तक रीयल-टाइम जानकारी पहुंचाने का आह्वान किया।
‘गगनयान’ मिशन की तैयारियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियां दुनिया को चकित कर रही हैं। कार्यक्रम में कृषि, पशुधन, बागवानी और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन जैसे विषयों पर गंभीर चिंतन की आवश्यकता पर बल दिया गया।
अंत में, चौहान ने वैज्ञानिकों की क्षमता की सराहना करते हुए कहा कि उनकी मेधा से कृषि और अंतरिक्ष क्षेत्र में नई उपलब्धियां हासिल होंगी। उन्होंने सभी को ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ की शुभकामनाएं दीं।