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Monday, June 30, 2025

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने ममता सरकार पर लगाया गंभीर आरोप, राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के प्रतिनिधिमंडल ने बंगाल के संदेशखाली की घटना पर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है। अनुसूचित जाति आयोग के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को संदेशखाली का दौरा किया था। शुक्रवार को आयोग ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप दी। भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल भी आज संदेशखाली के पीड़ितों से मिलने गया हुआ है, लेकिन स्थानीय पुलिस उन्हें नहीं जाने दे रही है। इससे संदेशखाली में हंगामा जारी है।

आयोग ने की राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग
अरुण हलदर ने कहा ‘जब हम संदेशखाली पहुंचे तो शाहजहां शेख और उसके गैंग ने वहां डरावना माहौल बना दिया। लोग बोलने से डर रहे थे। लोगों का कहना था कि जब हम चले जाएंगे तो उसके गैंग के लोग उन पर फिर हमला कर देंगे। हम पुलिस स्टेशन भी गए, लेकिन पुलिसकर्मी हमें देखकर वहां से चले गए और हमसे बात भी नहीं की। हमने राष्ट्रपति मुर्मू को रिपोर्ट सौंप दी है। संविधान का अनुच्छेद 338 अनुसूचित जाति और जनजाति को सुरक्षा देता है, लेकिन इसका उल्लंघन हो रहा है और उसमें सरकार का भी समर्थन है। इसलिए वहां (पश्चिम बंगाल) राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है।’

संदेशखाली जाने वाले अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष अरुण हलदर ने कहा कि ‘जब हम संदेशखाली पहुंचे तो उन्होंने (टीएमसी सरकार) बहुत ड्रामा किया। पीड़ित महिलाएं बहुत कुछ कहना चाहती थीं, लेकिन माहौल ऐसा था कि वे ज्यादा कुछ नहीं कह पायीं…लेकिन हम समझ गए कि वे असल में क्या कहना चाहती हैं। पुलिस भी हमारी बात नहीं सुन रही थी और यह बेहद अपमानजनक था। पुलिस राजनीतिक पार्टी की शाखा की तरह काम कर रही थी।’ 

आयोग के सदस्यों ने राज्य सरकार पर लगाए थे आरोप
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्यों में अरुण हलदर, सुभाष रामनाथ पारदी और डॉ. अंजू बाला शामिल हैं। आयोग के सदस्यों ने संदेशखाली में पीड़ितों से मुलाकात की और उन पर हुए कथित अत्याचार की जानकारी ली। आयोग की सदस्य डॉ.अंजू बाला ने पीड़ित परिवार से बात करने के बाद राज्य  सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और मांग की कि संदेशखाली में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए ताकि लोग सुरक्षित रहें। उन्होंने कहा कि ‘सीएम ममता बनर्जी नहीं चाहतीं कि कुछ भी बाहर आए। महिलाओं के खिलाफ हुई प्रताड़ना की एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई है। देश उन्हें माफ नहीं करेगा। हम चाहते हैं कि संदेशखाली में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए।’  

टीएमसी नेताओं पर लगे हैं गंभीर आरोप
संदेशखाली में स्थानीय महिलाओं ने आरोप लगाए हैं कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों ने उनकी जमीन पर कब्जा किया। कुछ महिलाओं ने टीएमसी नेताओं पर यौन उत्पीड़न करने का भी आरोप लगाया। महिलाओं ने इसे लेकर संदेशखाली में विरोध प्रदर्शन भी किया। भाजपा भी इस मुद्दे पर पीड़ित महिलाओं के समर्थन में उतर गई है। हाल ही में भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच संदेशखाली में तीखी झड़प हुई। शाहजहां शेख अभी भी फरार है। शाहजहां शेख राशन घोटाले में भी आरोपी है और उस पर ईडी की टीम पर हमले के भी आरोप हैं। 

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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