नई दिल्ली, 18 अप्रैल 2025, शुक्रवार। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक बार फिर कांग्रेस और उसके शीर्ष नेताओं—सोनिया गांधी और राहुल गांधी—पर नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर तीखा हमला बोला है। बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस को ‘खटारा, बीमार, लाचार’ करार देते हुए इस मामले को पार्टी का ‘करप्शन मॉडल’ बताया। लेकिन क्या यह वाकई भ्रष्टाचार की गहरी साजिश है, या बीजेपी का कांग्रेस को घेरने का एक और सियासी दांव? आइए, इस विवाद की परतें खोलते हैं।
’50 लाख में 2000 करोड़ की संपत्ति’ का खेल
अनुराग ठाकुर ने नेशनल हेराल्ड मामले को ‘घोटालों का अनोखा मॉडल’ बताते हुए सवाल उठाया कि कैसे महज 50 लाख रुपये में यंग इंडिया कंपनी को 2000 करोड़ की संपत्ति हासिल हो गई। उन्होंने तंज कसा, “क्या कोई राजनीतिक दल लोन दे सकता है? ये अखबार न छपता है, न बिकता है, न बंटता है, फिर भी कांग्रेस इसे अपना एटीएम बना रही है।” ठाकुर का दावा है कि कांग्रेस की राज्य सरकारें इस ‘कागजी अखबार’ को विज्ञापन और फंडिंग के जरिए पैसा डाल रही हैं, जो एक सुनियोजित ‘मुद्रा मोचन स्कीम’ का हिस्सा है।
उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट का हवाला देते हुए कहा कि अपराध का समय, लेन-देन और तथ्य साफ हैं। बीजेपी का आरोप है कि यंग इंडिया, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी की 76% हिस्सेदारी है, कांग्रेस की संपत्ति को हड़पने का जरिया बनी। ठाकुर ने चुटकी ली, “पैसा कांग्रेस का, लेकिन शेयरधारक गांधी परिवार। और अब दोनों नेता जमानत पर हैं।”
‘कांग्रेस का एटीएम’ या स्वतंत्रता की विरासत?
बीजेपी ने नेशनल हेराल्ड को ‘1950 के दशक से चली आ रही पीढ़ीगत धोखाधड़ी’ करार दिया। पार्टी का कहना है कि यह न केवल भ्रष्टाचार की कहानी है, बल्कि स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत का अपमान और पत्रकारों के साथ विश्वासघात भी है। बीजेपी के मुताबिक, नेशनल हेराल्ड गांधी परिवार के लिए जनता का पैसा हड़पने का एक औजार बन गया।
दूसरी ओर, कांग्रेस इस मामले को राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा बताती रही है। पार्टी का दावा है कि नेशनल हेराल्ड एक ऐतिहासिक संस्थान है, जिसे जवाहरलाल नेहरू ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्थापित किया था। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी इस मामले को तूल देकर गांधी परिवार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।
‘कालिख चेहरे पर, आईने पर नहीं’
अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस के विरोध प्रदर्शनों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “ईडी के दफ्तर पर हंगामा करने से सच नहीं छिपेगा। कालिख आईने पर नहीं, चेहरे पर है।” ठाकुर ने सवाल उठाया कि अगर कांग्रेस निर्दोष है, तो वह समयबद्ध जांच की मांग क्यों नहीं करती? उन्होंने यह भी पूछा कि क्या गांधी परिवार खुद को सुप्रीम कोर्ट से ऊपर मानता है?
सियासत का शोर या सच की खोज?
नेशनल हेराल्ड मामला लंबे समय से सुर्खियों में रहा है। ईडी ने इस मामले में सोनिया और राहुल गांधी से पूछताछ की है, और दोनों को जमानत मिल चुकी है। बीजेपी इसे कांग्रेस के भ्रष्टाचार का ‘प्रमाण’ बताती है, जबकि कांग्रेस इसे ‘राजनीतिक बदले’ की कार्रवाई कहती है।
इस विवाद में कई सवाल अनुत्तरित हैं: क्या नेशनल हेराल्ड वाकई कांग्रेस का ‘एटीएम’ है? क्या यंग इंडिया के जरिए संपत्ति हड़पने की साजिश रची गई? या यह बीजेपी की ओर से कांग्रेस को कमजोर करने की रणनीति है? जांच एजेंसियों के निष्कर्ष और अदालत का फैसला ही इस सियासी जंग का सच सामने लाएंगे।
फिलहाल, यह मामला भारतीय राजनीति में एक और तीखी जंग का सबब बन गया है, जहां आरोप-प्रत्यारोप का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा।