डेंगू से हर साल न जाने कितने लोगों की मौत होती है। ऐसे में मां का पहला गाढ़ा पीला दूध नवजात को पिलाएं तो उसके लिए रामबाण औषधि होता है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आरके मिश्रा बताते हैं कि मां का दूध नवजात के लिए एक तरह से सुरक्षा कवच है, जो बच्चे के विकास व पाचन में सहायक साबित होता है। इसके अलावा समय से बच्चे को टीका लगता रहना भी बहुत जरूरी है।
एसएन के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज यादव बताते हैं कि जो मां का दूध बच्चे के शरीर में एंटीबॉडी प्रदान करता है, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। जब-तक आप दूध पिलाती रहेंगी व बच्चे के शरीर में एंटीबॉडी बढ़ाता रहेगा, जो भविष्य में बीमारी और संक्रमण से लड़ने में मदद करेगा।
डेंगू व मलेरिया के नोडल ऑफिसर डॉ. सुरेंद्र मोहन प्रजापति बताते हैं कि वर्ष 2023 से डेंगू से बचाव के लिए प्राइवेट अस्पतालों में भी सैंपलिंग कराना शुरू करा दिया है, जिससे अधिक से अधिक संख्या में डेंगू के मामले हमारे संज्ञान में रहें जिसका नतीजा वर्ष 2023 में 173 डेंगू के मरीज मिले। वर्ष 2023 के अनुसार 0 -1 वर्ष तक के सिर्फ 6 बच्चों में डेंगू मिला। 100 केस पुरुषों के 67 महिलाओं में डेंगू मिला।
संक्रमित मादा एडीज के काटने से होता है
डेंगू मच्छर जनित बीमारी होती है, जो एडीज एजिप्टी मादा मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलती है। इस बीमारी के लक्षण मच्छरों के काटने के 5 दिन बाद शरीर में दिखने लगते हैं। डेंगू के लक्षणों में मसल्स और ज्वॉइंट्स में दर्द, सिर दर्द, बु्खार, आंखों में दर्द, चक्कर आना,उल्टी जैसा महसूस होना।
वायरल संक्रमण डेंगू से बचाव
– हर रोज सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें
– घर में कचरा और गंदे पानी को एकत्र न होने दें
– पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े ही पहनें
-घर में स्वच्छ पानी में डेंगू के मच्छर पलते हैं। इसलिए कहीं भी पानी को खुला न रखें
– कूलर के पानी में कैरोसिन तेल डालकर रखें, इससे मच्छर पनपने की संभावना कम रहती है