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Tuesday, April 29, 2025

नरेश टिकैत का विवाद और माफी: एक बयान ने कैसे मचाया तूफान

नई दिल्ली, 29 अप्रैल 2025, मंगलवार। पहलगाम में हुए दिल दहलाने वाले आतंकी हमले ने पूरे देश को गम और गुस्से में डुबो दिया। इस बीच, भारत-पाकिस्तान के तनावपूर्ण रिश्तों और सिंधु जल संधि के स्थगन को लेकर किसान नेता नरेश टिकैत का एक बयान ऐसा आया, जिसने देशभर में हंगामा मचा दिया। उनके शब्दों ने जनता का गुस्सा भड़काया, और आलोचना के तीखे तीरों ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया। आखिरकार, जनता के रोष और देशभक्ति की लहर के सामने नरेश टिकैत को घुटने टेकने पड़े और सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी।

क्या था नरेश टिकैत का बयान?

पहलगाम में 22 अप्रैल को पाकिस्तानी आतंकियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। इस हमले ने भारत के धैर्य की सारी हदें पार कर दीं। जवाब में, भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को रद्द कर नदी का पानी रोकने का कड़ा फैसला लिया। लेकिन इस फैसले पर नरेश टिकैत ने आपत्ति जताते हुए कहा, “पाकिस्तान में भी किसान हैं। पानी किसानों के लिए जरूरी है। संधि नहीं टूटनी चाहिए।” उनके इस बयान को देशवासियों ने आतंक के प्रति नरमी और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ माना। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक, लोगों ने इसे ‘देशद्रोह’ जैसा बताकर नरेश की कड़ी आलोचना शुरू कर दी।

घिरने के बाद माफी, बोले- “हमें शर्मिंदगी महसूस हुई”

जैसे ही नरेश टिकैत को अपनी गलती का अहसास हुआ, उन्होंने तुरंत अपने शब्द वापस लेते हुए माफी मांगी। उन्होंने कहा, “हमें मामले की पूरी जानकारी नहीं थी। पानी की अहमियत किसान समझता है, लेकिन मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर ऐसा पेश किया गया जैसे हम देश के गद्दार हों। जब हमें पता चला कि लोग इसे गलत समझ रहे हैं, तो हमें गहरी शर्मिंदगी हुई। हमने बयान वापस ले लिया है। देश के हालात, पाकिस्तान के साथ तनाव को देखते हुए हमें ऐसा नहीं कहना चाहिए था। जो लोग नाराज हैं, वो हमारे अपने हैं, उनका हक है। पूरा देश एकजुट है, और सरकार जो भी कदम पाकिस्तान के खिलाफ उठाएगी, हम उसके साथ हैं।”

पहलगाम हमला: क्रूरता की इंतहा

पहलगाम का आतंकी हमला न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक झकझोर देने वाली घटना थी। आतंकियों ने हंसते-खेलते पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर गोलियां बरसाईं, 26 मासूमों की जान ले ली। इस कायराना हरकत ने भारत के सब्र का बांध तोड़ दिया। दुनिया भर ने इसकी निंदा की और भारत को आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में समर्थन का भरोसा दिया। ऐसे में नरेश टिकैत का बयान लोगों को और भी नागवार गुजरा।

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