असम विधानसभा चुनाव के लिए चबुआ में आयोजित रैली में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस असम के लोगों से बहुत दूर चली गई है। हाल ही में उन्होंने श्रीलंका की एक फोटो शेयर की और बताया कि यह असम है। इसके बाद ताइवान की भी फोटो शेयर कर उसे असम बताया। यह हमारे खूबसूरत असम के साथ अन्याय और अपमान है। प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी ने चुनावी रैली में टूलकिट मुद्दे को उठाया और दावा किया कि कांग्रेस उन लोगों के साथ खड़ी है जो असम के चाय की पहचान को समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं असम में या पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में जाता हूं, बहुत गौरव से वहां की संस्कृति से जुड़कर मुझे आनंद आता है। अब जैसे मुझे यह गमछा पहनाया गया, मेरे लिए बड़े गर्व और सम्मान का विषय होता है। लेकिन कांग्रेस इसका भी मजाक उड़ाती है। आज जब हम आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में जुटे हैं, तो इस पूरे क्षेत्र की इसमें बहुत बड़ी भूमिका है। चाय के एक्सपोर्ट में ही नहीं बल्कि ये क्षेत्र और भी कई ऑर्गेनिक फूड का एक्सपोर्टर हो सकता है।
रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, ”टी गार्डन्स में काम करने वाले हमारे साथियों की दैनिक मजदूरी बढ़ाने के लिए भी एनडीए सरकार प्रतिबद्ध है। मैं इस बात की सराहना करता हूं कि असम सरकार ने बीते 2 -3 वर्षों में इसमें बढ़ोतरी की है। लेकिन हमारे ये प्रयास अदालत में अटक गए। इसका लाभ उठाकर विपक्षी दल तरह तरह के भ्रम और झूठ फैला रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि यहां 5 साल पहले ब्रह्मपुत्र पर पुलों की स्थिति क्या थी, ये आप भली- भांति जानते हैं। नए ब्रिज तो छोड़िए जो सालों पहले अटल जी की सरकार ने शुरु किए थे, उन्हें भी कांग्रेस सरकारों ने लटका दिया था। हमने इन प्रोजेक्ट्स को तेज़ी से पूरा किया। आज ब्रह्मपुत्र पर बोगिबिल समेत 4 बड़े ब्रिज शुरू हो चुके हैं। अनेक नए सेतुओं पर काम चल रहा है।
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आपको याद रखना है कि यह वही कांग्रेस है, जिसने मूल निवासियों को जमीन का अधिकार देने के लिए कभी भी गंभीर कदम नहीं उठाए। यहां के मूल निवासियों को जमीन के पट्टे देने का काम सर्बानंद जी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार ने ही शुरू किया। कभी देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस, आज सिमटती जा रही है। कारण बिल्कुल साफ है। कांग्रेस में प्रतिभा के प्रति सम्मान नहीं है, सत्ता का लालच सर्वोपरि है। सत्ता के लिए ये किसी का भी साथ ले सकते हैं, किसी का भी साथ दे सकते हैं।