केप कैनवरल, फ्लोरिडा, 27 जून 2025: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में एक नया इतिहास रच दिया है। एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर उड़ान भरने वाले शुभांशु ने अंतरिक्ष से अपना पहला संदेश भेजा, जिसमें उन्होंने कहा, “अंतरिक्ष से नमस्कार! मैं अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ यहां आकर रोमांचित हूं। क्या सवारी थी!” यह संदेश भारत के लिए गर्व का क्षण बन गया है, क्योंकि 41 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में पहुंचा है।
शुभांशु ने अपने साथ एक खिलौना हंस ‘जॉय’ को भी अंतरिक्ष में ले गए, जिसे उन्होंने भारतीय संस्कृति में ज्ञान का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “हंस भारतीय संस्कृति में बुद्धि और विवेक का प्रतीक है।” यह खिलौना न केवल एक शून्य-गुरुत्व संकेतक (zero-gravity indicator) है, बल्कि भारतीय संस्कृति को अंतरिक्ष में ले जाने का एक भावनात्मक प्रतीक भी है।
25 जून 2025 को फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए ड्रैगन अंतरिक्ष यान ने उड़ान भरी। इस मिशन में शुभांशु के साथ नासा की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन (कमांडर), हंगरी के टिबोर कापू और पोलैंड के स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की शामिल हैं। यह मिशन 14 दिनों तक चलेगा, जिसमें शुभांशु और उनकी टीम वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जो भारत के गगनयान मिशन की तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
शुभांशु ने अपने संदेश में भारतीय तिरंगे का जिक्र करते हुए कहा, “मेरे कंधों पर तिरंगा है, जो मुझे याद दिलाता है कि मैं इस यात्रा में अकेला नहीं हूं। यह भारत के 1.4 अरब लोगों की आकांक्षाओं की यात्रा है।” उनके इस संदेश ने देशवासियों में गर्व और उत्साह की लहर दौड़ा दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि पर शुभांशु और उनकी टीम को बधाई दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, “ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बनने की राह पर हैं। वे अपने साथ भारत की आशाएं और सपने लेकर गए हैं।” राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस मिशन को विश्व एकता का प्रतीक बताते हुए शुभकामनाएं दीं।
लखनऊ में जन्मे शुभांशु, जो भारतीय वायुसेना के एक अनुभवी लड़ाकू पायलट और टेस्ट पायलट हैं, ने 2,000 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव हासिल किया है। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि युवाओं में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति उत्साह भी जगाया है।
यह मिशन भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, जो गगनयान मिशन जैसे भविष्य के मानव अंतरिक्ष अभियानों की नींव मजबूत करेगा। शुभांशु का यह सफर हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है, जो अंतरिक्ष में तिरंगे को लहराता देख गदगद है।
जय हिंद! जय भारत!