ज्ञानवापी मामले में संतों का बड़ा बयान, न्यायालय के फैसले पर जताया भरोसा
वाराणसी, 6 मार्च 2025, गुरुवार। महाकुंभ के बाद काशी पहुंचे नागा संतों ने गुरुवार को भी पंचक्रोशी परिक्रमा पथ पर नंगे पांव आगे बढ़ना जारी रखा। यह उनकी दूसरे दिन की यात्रा थी, जिसमें उन्होंने भीमचंडी में दर्शन पूजन के बाद रात्रि विश्राम करेंगे। इससे पहले, बुधवार को संतों ने कंदवा स्थित कर्दमेश्वर महादेव में दर्शन पूजन किया और वहीं धर्मशाला में रात्रि विश्राम किया। सुबह, उन्होंने हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ दूसरे पड़ाव भीमचंडी के लिए प्रस्थान किया।
रास्ते में, नागरिकों ने संतों का आर्शीवाद और चरण रज लेने के लिए उमड़ पड़े। उन्होंने संतों के दल पर पुष्पवर्षा भी की। यह दृश्य बहुत ही भावपूर्ण और पवित्र था। नागा संतों की यह यात्रा काशी की पवित्रता और महत्व को दर्शाती है। यह यात्रा श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है, जो लोगों को एकता और आध्यात्मिकता की ओर ले जाती है। श्रीपंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के थानापति विवेक भारती के अनुसार नागा संत एक दिन में लगभग 15 किमी. की दूरी पैदल तय कर रहे हैं। शुक्रवार को तीसरे पड़ाव में रामेश्वर महादेव के लिए दल रवाना होगा।
वहीं, श्रीपंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत महेन्द्र रविन्द्रपुरी महाराज ने ज्ञानवापी मामले में अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह मामला न्यायालय में चल रहा है और निश्चित तौर पर फैसला सनातन के पक्ष में आएगा। दिगंबर संत शिवांक गिरी और महंत यमुनापुरी पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी प्रयागराज ने भी भरोसा जताया कि न्यायालय में चल रहे मुकदमें में सनातन के पक्ष में ही फैसला आएगा।